डुमरांव: भाद्रपद माह के प्रथम सोमवार को आयोजित होने वाला जंगली नाथ शिव मंदिर का वार्षिकोत्सव पूजन सह मेला सोमवार को भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ. अहले सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचने लगे. रंगीन लाइटों, फूलों व झालरों से सजा मंदिर परिसर भक्ति और आस्था का अद्भुत नजारा पेश कर रहा था. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पंडित बरमेश्वर तिवारी के नेतृत्व में पूजन विधि विधान से संपन्न हुई. पूजा के दौरान यजमान के रूप में देव प्रकाश विश्वकर्मा, रितु देवी और सतीश कुमार शर्मा उपस्थित रहे. श्रद्धालुओं ने आस्था व श्रद्धा से भगवान जंगली नाथ के दरबार में माथा टेककर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. मंदिर समिति ने ध्वनि विस्तारक यंत्र और विशेष रोशनी की व्यवस्था कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया. हालांकि मंदिर तक पहुंचने वाली सड़क जर्जर होने से भक्तों को आवागमन में खासा परेशानीयो का सामना करना पड़ा, हालांकि इस दौरान नगर परिषद के द्वारा गड्ढों को भरने का प्रयास किया गया. आकाश में बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही, फिर भी भक्तों का उत्साह काफी देखने को मिला. मंदिर से बाहर मेला भी लगाया गया था जिसमें जलेबी, चाट और अन्य की दुकानें दिनभर सजी रहीं, जहां श्रद्धालुओं ने दर्शन करने के बाद मेले का आनंद लिया. मंदिर के पुजारी ने बताया कि जंगली नाथ शिव के नाम मात्र से भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि दानी बाबा प्रतिदिन सौ गायों के दूध से यहां शिवलिंग का अभिषेक करते थे. उनके निधन के बाद डुमरांव राजपरिवार ने मंदिर के लिए चार बीघा जमीन दान देकर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया. श्रद्धालुओं का कहना है कि यह वार्षिकोत्सव धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगम का अनूठा उदाहरण है, जहां भक्ति, परंपरा और आपसी सौहार्द का अद्भुत मेल देखने को मिलता है.
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