बक्सर. बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ जिला शाखा के द्वारा मंगलवार को सिविल सर्जन बक्सर के समक्ष धन्यवाद सह मांग रैली आयोजित किया गया. इसके साथ ही सिविल सर्जन को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार पटना को मांग पत्र प्रेषित किया गया. रैली की अध्यक्षता डैजी देवी एवं संचालन अरुण कुमार ओझा ने किया. रैली सिविल सर्जन कार्यालय पहुंच सभा में तब्दिल हो गया. सभा को संबोधित करते हुए आशा व आशा फैसिलिटेटर के जिला संयोजक सह राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा ने बिहार सरकार के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को देय पारितोषिक राशि को तिगुना करने का स्वागत किया. इसके साथ ही अनुरोध किया है कि 12 अगस्त 2023 के विगत हड़ताल के दौरान समझौते के अनुसार पारितोषिक राशि को मानदेय शब्द में परिवर्तित करते हुए बढ़ी हुई राशि का भुगतान 1 सितंबर 23 से करने, बकाया राशि को एक मुश्त मुख्यालय से करने, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की तरह सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष करने, रिटायरमेंट बेनिफिट 10 लख रुपए तथा 10000 प्रतिमा पेंशन की मांग किया. साथ ही साथ भारत सरकार से अविलंब लोकसभा के प्रश्नोत्तर काल में दिए गए जवाब के अनुरूप ₹2000 के बदले ₹3500 बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि का भुगतान अविलंब करने के लिए आवंटन उपलब्ध कराने, आशा फैसिलिटेटर को 21 दिन के बजाय पूरे माह का भ्रमण भत्ता देने सहित योग्यताधारी आशा फैसिलिटेटर को बीसीएम में पनौती करने की मांग की. पूरे भारतवर्ष में सबसे पहले आशा को बिहार चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा संगठित किया गया. 2007 में पटना छेको कार्यक्रम के तहत ऐतिहासिक संघर्ष को अंजाम दिया गया. फर्जी मुकदमे के तहत करीब 40 कर्मचारियों को 36 दिन जेल में बंद रहना पड़ा और अभी भी मुकदमा चल रहा है. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से छद्मवेशी राजनीतिक नेताओं से सचेत रहने की अपील की. अंत में डैजी कुमारी, मंजू कुमारी के नेतृत्व में सिविल सर्जन को अपना मांग पत्र सौंपा. मौके पर मंजू कुमारी, कंचन कुमारी ठाकुर, डास देवी, नीतू देवी, लीला देवी, विमला देवी, माया देवी, उषा राय, मुनि, प्रेमशिला, जीरा देवी, सरोज देवी समेत अन्य काफी संख्या में आशा एवं आशा फैसिलिटेटर उपस्थित रहे.
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