डुमरांव .
अनुमंडल अस्पताल की अव्यवस्था से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चाणक्य कॉलोनी की गर्भवती महिला मंदाकिनी सोमवार सुबह इलाज के लिए अस्पताल पहुंची. डॉक्टर प्रेमा कुमारी को दिखाने के बाद वह अल्ट्रासाउंड कक्ष पहुंची, लेकिन वहां सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ताला लटका रहा. इस दौरान उन्होंने डीएम के मोबाइल पर और डीएस से मिलकर अपनी समस्या बतायी. लगभग 1 बजकर 30 मिनट पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड होना शुरू हुआ, जबकि ओपीडी का संचालन दो बजे तक ही होता है. लगभग दस से पंद्रह मरीज अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर मौजूद थी.प्रभात खबर के संवाददाता को जानकारी मिलने पर डीएस को कॉल कर स्थिति से अवगत कराया गया. डीएस ने बताया कि दो महिला नर्सिंग स्टाफ के निलंबित होने से अस्पताल में कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है, जिससे सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. बिहार सरकार लगातार अस्पताल में संसाधन भेज रही है, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिले, लेकिन अस्पताल की अव्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है.हाल ही में अस्पताल से दो-तीन डॉक्टरों का स्थानांतरण भी हो गया, जिससे इलाज व्यवस्था और प्रभावित हुई है. अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट और आयुष डॉक्टरों को सामान्य ओपीडी का कार्य संभालना पड़ रहा है. डॉक्टरों की मनमानी भी मरीजों की परेशानी बढ़ा रही है.अस्पताल उपाधीक्षक को वित्तीय अधिकार नहीं मिलने से सुरक्षा कर्मियों का वेतन तीन महीने से अटका हुआ है. होली जैसे त्योहार पर भी उन्हें भुगतान नहीं होने की संभावना है. अस्पताल में दवा काउंटर से लेकर इमरजेंसी तक बाहरी लोग जीएनएम के सहयोगी के रूप में कार्य करते दिखते हैं, लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान ये लोग चुपचाप निकल जाते हैं. बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की कोशिशों के बावजूद अनुमंडल अस्पताल की स्थिति लगातार खराब हो रही है. मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है और डॉक्टरों व स्टाफ की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. मरीजों का कहना है कि प्रशासन को जल्द ही इस समस्या पर ध्यान देना होगा, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

