बक्सर
. एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन एवं रसायनिक कीटनाशी के सुरक्षित प्रयोग पर एक दिवसीय प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर द्वारा एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन आइपीएम पद्धति की जानकारी एवं रसायनिक कीटनाशी के प्रतिकूल प्रभाव व जागरूकता हेतु किया गया.कार्यक्रम उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ पारसनाथ, प्राचार्य, वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय डुमरांव, अविनाश शंकर, जिला कृषि पदाधिकारी, अंकुर आनंद, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, एचआइएल तथा केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ देवकरन द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. डॉ देवकरन ने एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन के महत्व एवं प्रयोग पर जानकारी देते हुए भौतिक प्रबंधन जैसे गृष्मकालीन जुताई एवं मेढ़बंदी व सस्य वैज्ञानिक विधियाँ, बुआई, जुताई, निरायी, व प्रभेद आदि की विस्तृत जानकारी दी.मुख्य अतिथि डॉ पारसनाथ ने फसल विविधिकरण, मोटा अनाज, संतुलित कीट नाशी प्रयोग, जैविक खेती, उन्नत किस्मों का आवश्यकता एवं मशरूम उत्पादन विषय पर किसानों का ज्ञानवर्द्धन किया.विशिष्ट अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी अविनाश शंकर ने कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराया.इसके साथ ही कृषि यांत्रिकरण योजना अन्तर्गत पादप सुरक्षा मे प्रयोग किये जानेवाले यंत्र एवं अनुदान की जानकारी दी.कार्यक्रम के प्रायोजक एचपीएल से उपस्थित क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अंकुर आनंद ने रसायनिक कीटनाशी के सुरक्षित प्रयोग पर चलचित्र के द्वारा तकनीकी प्रस्तुतिकरण कर एवं जानकारी दी. अंजु देवी, कंचन देवी, यशोदा देवी, ललन राम, चन्द्रदेव राम, रविन्द्रनाथ दूबे, प्यारेलाल उपाध्याय, हीरालाल राम, आरीफ प्रवेज, रवि चटर्जी, राकेश मणि, राजेश, सरफराज, मुकेश, अरविन्द, संदीप, दिगंबर, शामिल रहे.
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