Siberian Birds: बक्सर. साइबेरियन पक्षी का एक बड़ा समूह बक्सर के गंगा तटीय इलाके में दिखा है. ये पक्षी हर साल बिहार आते रहे हैं, पर किसी एक खास जगह पर उनकी संख्या इतनी ज्यादा नहीं होती है. यह साबित करता है कि गंगा में बालू के टीले व वहां की जलवायु इनके अनुकूल है. वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से विदेशों से पहुंचे मेहमान परिंदों की गणना की जा रही है. दिसंबर में ये पक्षी आते हैं और फरवरी के अंत तक चले जाते हैं.
देखने लायक है प्राकृतिक सौंदर्य
गंगा तटीय हिस्सों में अठखेलियां करते हजारों साइबेरियन पक्षियों को देख नजरें उधर ही ठहर जा रही है. हजारों एकड़ में फैली गंगा नदी के हिस्से का प्राकृतिक सौंदर्य इन दिनों देखने लायक है. बक्सर और यूपी के सीमावर्ती इलाके में सात समुंदर पार से साइबेरियन पक्षियों का जत्था पहुंच चुका है. इन दिनों साइबेरिया में कड़ाके की ठंड पड़ती है .और तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है. ठंड से बचने के लिए हर साल हजारों पक्षी यहां प्रवास करने आते हैं.लोग बताते हैं कि दिसंबर में इन पक्षियों का आगमन होने लगता है.
अब जाने का आ गया वक्त
इस साल दिसंबर के शुरू में ठंड कम पड़ने की वजह से जनवरी में पक्षियों का आगमन शुरू हुआ है. बक्सर-तटबंध व गंगा नदी के बीच के बालू के तटीय इलाके में इन पक्षियों का जमावड़ा लगा हुआ है. जानकारी के अनुसार फरवरी शुरू होते ही साइबेरियन पक्षियों का लौटने का सिलसिला शुरू हो जाता है. फरवरी के दूसरे सप्ताह तक सभी यहां से धीरे धीरे चले जाते हैं. पर्यावरणविद् बताते हैं कि यहां का मौसम साइबेरियन पक्षियों में प्रजनन के लिए अच्छा होता है. साइबेरियन पक्षियों में प्रजनन के लिए सबसे बेहतर तापमान 4 से 10 डिग्री सेल्सियस होता है. यह माहौल उन्हें यहां मिल जाता है.
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