राजपुर. प्रखंड की सभी 17 पंचायतों में गठित टैक्स इकाई एवं व्यापार मंडल को गेहूं खरीद के लिए सरकार ने अधिकार दिया है. बावजूद अभी तक सिकठी, दुल्फा, रसेन, कैथहरकला पैक्स इकाई एवं व्यापार मंडल पर महज पांच किसानों से ही गेहूं की खरीद की गयी है.
यह सबसे चौंकाने वाला बात है कि सरकार ने बड़ी उम्मीद के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पंचायत स्तर पर पैक्स इकाइयों को गठित किया था. ताकि किसान सीधे तौर पर सरकार से जुड़कर अपने अनाज की बिक्री कर समय पर खेती कर उत्पादन को बढ़ावा देंगे. फिर भी किसान मायूस नजर आ रहे हैं. सरकार के तरफ से समर्थन मूल्य 2425 रुपए तय किया गया है. बाजार में निजी साहूकार 2550 से 2700 रुपए प्रति क्विंटल तक गेहूं की खरीद कर रहे हैं. खरीफ फसल में भी अधिकतर किसानों ने अपना धान निजी साहूकार को ही बेचा था. इसको लेकर सरकार ने गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया था. फिर भी किसानों ने निजी साहूकार को ही बेचना उचित समझा. बावजूद सरकार ने अभी तक इसका कोई निर्णय नहीं लिया. किसानों की परेशानियों को ध्यान में देखते हुए समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की गयी है. किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं. सरकार ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य तो तय कर दिया, लेकिन उस लक्ष्य के करीब पहुंच पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है. पिछले एक अप्रैल से गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू है, जो 15 जून तक चलेगी. फिर भी अभी तक बाजार मूल्य से सरकारी मूल्य में वृद्धि नहीं की गयी है. जिन किसानों ने सहकारिता विभाग के पोर्टल पर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. वह भी अपनी फसल बेचने से परहेज कर रहे हैं. पैक्स प्रबंधक एवं अध्यक्षों ने बताया कि पैक्स गोदाम पर खरीद से संबंधित बोर्ड लगाया गया है. गेहूं खरीदने के लिए इंतजार कर रहे हैं. लेकिन किसान पैक्स तक नहीं पहुंच कर बाजारों में अधिक भाव रहने से लोग बेच रहे हैं. वहीं क्षेत्र के प्रगतिशील किसान मिथिलेश पासवान,चंद्रशेखर पांडेय,जयप्रकाश सिंह, अखिलेश्वर राय के अलावा अन्य किसानों ने कहा कि व्यापारी दरवाजे पर आकर गेहूं की खरीद कर रहे हैं तो सरकारी व्यवस्था की जरूरत ही क्या है? व्यापारी को गेहूं देने के बाद किसान को तुरंत पैसा मिल जाता है. सरकार को समर्थन मूल्य बढ़ाना चाहिए.क्या कहते हैं अधिकारी
गेहूं खरीद करने के लिए सभी पैक्स इकाइयों में लगातार प्रयास कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है. फिर भी गेहूं खरीद की रफ्तार धीमी है. निर्धारित समर्थन मूल्य के करीब बाजार मूल्य भी किसानों को मिल जा रहा है. इस कारण किसान पैक्स के प्रति उदासीन दिखायी दे रहे हैं. किसानों के घर-घर जाकर गेहूं बेचने के लिए जागरूक किया जा रहा है.अमित कुमार, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, राजपुर
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