बक्सर. राजस्व से जुड़े विभिन्न कार्यों और समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग सदर अंचल कार्यालय पहुंचते हैं. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोग भूमि, मकान से संबंधित विवाद, दाखिल–खारिज, एलपीसी, प्रमाण पत्र, म्यूटेशन और नापी जैसी शिकायतें लेकर कार्यालय आते हैं, लेकिन घंटों लाइन में खड़े रहने और पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी उन्हें संतोषजनक सेवा नहीं मिल पाती. कई बार लोग सुबह से शाम तक प्रतीक्षा करते हैं, फिर भी सदर सीओ से मुलाकात नहीं हो पाती. इससे आम जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है. कार्यालय आने वाले लोगों का कहना है कि गार्ड अक्सर उन्हें सिर्फ इंतजार करने के लिए कहते हैं. कई बार आधा दिन बीत जाता है, लेकिन मुलाकात की उम्मीद कम ही बनती है. कई लोग दो-तीन दिन लगातार आते हैं, तब भी आवश्यक कार्य समय पर नहीं हो पाता. इससे उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है और मजदूरी करने वाले या दूर-दराज से आने वाले लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लोग सवाल करते हैं कि जब अधिकारी कार्यालय में मौजूद रहते हैं, तब भी आम जनता से मुलाकात क्यों नहीं हो रही है. आम जनता का कहना है कि यदि अधिकारी प्रतिदिन सिर्फ एक-दो घंटे भी समस्याओं को सुन लें, तो लंबित मामलों का समाधान संभव है. वर्तमान में अधिकारी न तो सीधे मिलते हैं और न ही समय पर सुनवाई होती है, जिससे समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. कार्यालय में बैठने की अपर्याप्त व्यवस्था और कतार के लिए सुव्यवस्थित प्रणाली का अभाव भी लोगों की परेशानियां बढ़ा देता है. वृद्ध, महिलाएं और दूरदराज से आने वाले लोग घंटों खड़े रहते हैं और मुलाकात न होने पर निराशा में बढ़ोतरी होती है. लोग यह भी सुझाव दे रहे हैं कि यदि अधिकारी किसी कारणवश उपलब्ध नहीं हैं, तो सूचना बोर्ड पर स्पष्ट समय की घोषणा कर दी जाये, जिससे लोग पूरे दिन बेवजह इंतजार न करें. इस स्थिति के कारण आम जनता में यह भावना पैदा हो रही है कि उनकी समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में विश्वास कमजोर हो रहा है और लोगों की असंतोष बढ़ता जा रहा है. इस संबंध में एकडेरवा निवासी श्रीभगवान सिंह का कहना है कि दो दिनों से लगातार आ रहे हैं. मेरी रसीद ऑनलाइन नहीं कट रही है. इसके लिए हमने आवेदन भी दिया है, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है. इसकी वजह से दो दिनों से सीओ साहब से मिलने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन साहब इतना व्यस्त है कि आम जनता से नहीं मिल रहे हैं. जेइ मुहल्ला निवासी जुल्फिकार अली ने कहा कि मेरी निजी जमीन पर अतिक्रमण है. जिसके लिए हमने सीओ को आवेदन दिया है कि मापी कराकर जमीन चिन्हित कर दिया जाये, ताकि अतिक्रमण मुक्त हो सकें. मंगलवार को सीओ ने कहां कि दो घंटे बाद मुलाकात करते हैं लेकिन हमने कल पूरे दिन और शाम तक इंतजार किया लेकिन मुलाकात नहीं हुई.
क्या कहते हैं सीओ
काम का बहुत दबाव रहता है. दिनभर लोगों से मिलते ही रहेंगे तो और काम कैसे करेंगे. सीडब्ल्यूजेसी के 23 मामले समेत अन्य तकरीबन एक हजार मामले पेंडिंग हैं. उनका कैसे निबटारा होगा.
राहुल शंकर, सीओ, बक्सरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

