नावानगर. एथेनॉल उत्पादन से जुड़े उद्योगों को तेल कंपनियों के नए आदेश से बड़ा झटका लगा है. इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम द्वारा 2025–26 के लिए जारी वार्षिक टेंडर में डेडीकेटेड एथनॉल प्लांट्स (डीइपी) के लिए आवंटन में भारी कटौती की गयी है. इस फैसले का विरोध करते हुए भारत प्लस एथनॉल प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी अजय सिंह ने तीनों कंपनियों के चेयरमैन को पत्र भेजकर टेंडर में संशोधन की मांग की है. कंपनी का कहना है कि उनका प्लांट ओएमसीएस के साथ 10 साल के लॉन्ग टर्म ऑफटेक एग्रीमेंट पर आधारित है. इसके बावजूद नये टेंडर में डीइपी प्लांट्स को प्राथमिकता सूची में तीसरे स्थान पर रखा गया है. वहीं, कोऑपरेटिव शुगर मिल्स को पहली प्राथमिकता दी गयी है. इसके अलावा आदेश में 40% उत्पादन एफसीआइ चावल से करने की शर्त जोड़ दी गयी है, जो एग्रीमेंट की शर्तों के खिलाफ है. कंपनी को 36,500 केएल की क्षमता के मुकाबले केवल 16,299 केएल का ऑर्डर मिला है. इससे प्लांट 202 दिन तक बंद रह सकता है. भारत प्लस ने 2025–26 के लिए कम से कम 33,000 केएल आवंटन की मांग की है. पत्र की प्रति प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, पेट्रोलियम मंत्री और बिहार सरकार को भी भेजी गयी है.
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