ब्रह्मपुर. नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था एक बार फिर बेपटरी हो गई है. नगर पंचायत द्वारा स्वच्छता को लेकर कोई जागरूकता नहीं दिखा रही है. वार्डों से निकलने वाले कचरे को सफाईकर्मी खुले में डंप कर जला रहे हैं. जहरीले धुएं से न केवल नगर की आबोहवा दूषित हो रही, बल्कि नगर पंचायत के लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाल रहा है. प्रदूषण के कारण लोग जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं. खास बात यह है कि जिन हाथों में प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी है. वे ही प्रदूषण फैला रहे हैं. बीएन हाइस्कूल के पास कूड़ा डंप किया जाता है. इस कूड़े को नगर पंचायत के कर्मचारी अक्सर जला देते हैं. कूड़ा जलने से प्रदूषण फैलता है. स्थानीय लोगों सहित स्कूल में आने वाले छात्रों को सांस लेने में दिक्कत होती है. ये कचरा हमेशा जला करता है. इससे निकलने वाला धुआं से आबोहवा खराब हो रही है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल खुले आम उड़ायह जा रही हैं धज्जियां : ग्रामीण क्षेत्रों में जहां किसान पराली (कृषि अवशेष) जलाकर कानून तोड़ रहे हैं, वहीं नगर पंचायत वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. खुलेआम कूड़ा को जलाकर प्रदूषण का स्तर भी बढ़ाया जा रहा है. वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. नगर पंचायत की स्थापना को तीन साल का वक्त गुजर गया है, इसके बाद भी कचरा इधर-उधर गिराया जा रहा है. नगर पंचायत से लगभग प्रतिदिन सात क्विंटल सूखा कचरा, चार क्विंटल तक गीला कचरा निकलता है. इसके निस्तारण का कोई इंतजाम नहीं है. लेकिन इसे गिराने के लिए चिह्नित स्थान तक भी नहीं पहुंचाया जा रहा है. कहते हैं अधिकारी मैं अभी गाड़ी में हूं. कुछ भी बताने में असमर्थ हूं. सत्येंद्र कुमार वर्मा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत ब्रह्मपुर
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