BUXAR Election News : सिमरी. ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र में सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. यहां चुनाव प्रचार परवान पर है और उम्मीदवारों ने गांव-गांव जाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. ब्रह्मपुर सीट को पारंपरिक रूप से राजद का गढ़ माना जाता है. 1995 से 2010 तक इस सीट पर राजद नेता अजीत चौधरी का कब्जा रहा. वर्ष 2010 में भाजपा प्रत्याशी दिलमणि देवी ने अजीत चौधरी को 20,342 मतों के अंतर से हराकर सीट पर भाजपा का झंडा फहराया था. इसके बाद 2015 से लगातार राजद के शंभूनाथ यादव इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस बार फिर शंभूनाथ यादव तीसरी बार मैदान में हैं, जबकि एनडीए समर्थित उम्मीदवार हुलास पांडे उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं. जनसुराज पार्टी से नामांकन कराने वाले डॉ सत्यप्रकाश तिवारी के नाम वापस लेने के बाद मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. हुलास पांडे को नीतीश कुमार के सुशासन और विकास के एजेंडे पर भरोसा है, जबकि शंभूनाथ यादव लालू प्रसाद की सामाजिक न्याय की विचारधारा पर जनता से समर्थन मांग रहे हैं. इस बार एनडीए में चिराग पासवान की पार्टी के शामिल होने से गठबंधन को अतिरिक्त मजबूती मिली है. 2020 के चुनाव में चिराग पासवान के अलग लड़ने से एनडीए के वोटों में बिखराव हुआ था, जिसका सीधा फायदा राजद को मिला था. इस बार हालांकि आठ प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला सीधा राजद और एनडीए के बीच माना जा रहा है. अब निगाहें छह नवंबर पर टिकी हैं, जब जनता यह तय करेगी कि ब्रह्मपुर की सत्ता की बागडोर किसके हाथ जायेगी.
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