डुमरांव. सावन माह की अंतिम पूर्णिमा के दिन शनिवार को नगर स्थित देवी मां डुमरेजनी का वार्षिकोत्सव पूजन सह भव्य मेला धूमधाम से आयोजित किया गया. अहले सुबह से ही वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई और जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, श्रद्धालुओं का तांता बढ़ता गया. दोपहर बाद मंदिर परिसर व आसपास के क्षेत्रों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी हर साल सावन की पूर्णिमा को होने वाला यह आयोजन न केवल नगर, बल्कि आसपास के गांवों और दूरदराज़ से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. इस बार मंदिर की भव्य सजावट, नए विकास कार्य और बेहतर सुविधाएं श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण रहे मंदिर परिसर के बाहर सड़क के दोनों ओर करीब एक किलोमीटर तक दुकानों की लंबी कतारें सज गयी थीं. मेले में खिलौने, मिठाइयां, धार्मिक सामग्री, ग्रामीण हस्तशिल्प, झूले और अन्य मनोरंजन साधनों ने हर उम्र के लोगों को आकर्षित किया. कई दुकानदार दूर-दूर से आकर यहां अपना व्यापार कर रहे थे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों ने व्यापक इंतज़ाम किए थे. रोशनी, ध्वनि विस्तारक यंत्र, हेल्प डेस्क और सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल व स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी. भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अनहोनी से बचाव के लिए मंदिर से मिला तक ड्रोन कैमरे और वीडियोग्राफी के जरिए पूरे परिसर की निगरानी हुई दोपहर से देर रात तक दर्शन का क्रम चलता रहा. मां डुमरेजनी के दर्शन के बाद श्रद्धालु परिसर स्थित हनुमान मंदिर में भी माथा टेक आशीर्वाद लिए. शाम ढलते ही मेला का माहौल और जीवंत हो गया, जहां झूलों, खेल-तमाशों और स्ट्रीट फूड स्टॉल पर बच्चों व युवाओं की भीड़ लगी रही भीड़ इतनी थी कि मंदिर तक पहुंचने का 10 मिनट का रास्ता श्रद्धालुओं ने आधे घंटे में तय किया. डुमरांव-विक्रमगंज पथ व छठिया पोखरा मार्ग पर भी रोशनी और साउंड सिस्टम से व्यवस्था बनाई गई थी ताकि धार्मिक आस्था, लोक परंपरा और मनोरंजन का यह संगम देर रात तक चलता रहा, जिससे पूरा डुमरांव क्षेत्र उत्सवमय बना रहा.
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