बक्सर. जिले के सभी 26 थानों को डिजिटल मोड में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अब थानों में न्यायालय से समन और वारंट डिजिटल माध्यम से पहुंचेंगे. इ-समन की तामील भी पुलिस डिजिटल प्रणाली के जरिये ही करेगी. पहले वारंट या समन पुलिस तक पहुंचने में काफी समय लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया मिनटों में पूरी हो सकेगी. इ-समन एक डिजिटल पोर्टल आधारित सेवा है जिसके माध्यम से न्यायालय द्वारा जारी समन या वारंट सीधे संबंधित थाना और व्यक्ति तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंच जायेगा. नयी प्रणाली लागू होने के बाद तीन साल तक की सजा वाले केस भी ऑनलाइन दर्ज और संचालित होंगे. एफएसएल जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित सभी प्रकार के जांच से जुड़े वीडियो और दस्तावेज ऑनलाइन भेजे जायेंगे. इससे अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज होगी और पुलिस को आवश्यक दस्तावेज लेने में समय की बचत होगी. राज्य मुख्यालय ने इस प्रणाली के लिए सभी थानों से एक या दो पुलिस पदाधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया है. तामील प्रक्रिया की हर जानकारी पोर्टल पर रियल टाइम में अपडेट होती है जिससे पारदर्शिता और निगरानी दोनों में सुधार होगा. न्यायालयों को भी अब सीसीटीएनएस प्रणाली से जोड़ा जा रहा है. इससे न्यायालय और पुलिस के बीच डिजिटल समन्वय और मजबूत होगा. इ-समन प्रणाली के माध्यम से जारी समन या वारंट सीधे संबंधित थाना और संबंधित व्यक्ति तक पहुंच जाता है और इसकी तामील से जुड़ी हर गतिविधि तुरंत पोर्टल पर दर्ज हो जाती है. डिजिटल प्रणाली लागू होने से पुलिस, न्यायालय और प्रशासन के बीच कार्यप्रणाली और अधिक सुचारू होगी. इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि लंबित मामलों के निष्पादन में भी तेजी आयेगी. बक्सर जिले में यह पहल पुलिस आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
होगी समय की बचत, भ्रष्टाचार से मिलेगा छुटकारा
इ-समन प्रणाली से समय की बचत होगी. साथ ही कार्रवाई में पुलिस की निष्पक्ष पारदर्शिता आयेगी. समन की तामिला से जुड़े हर कदम का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा. इसमें गड़बडी या लापरवाही की गुंजाइश खत्म हो जायेगी. पुलिस के पास लोगों को चक्कर नहीं लगाना होगा. कुछ आइओ द्वारा इसको लेकर मांगी जा रही अवैध राशि से फरियादियों को छुटकारा भी मिलेगा.इस संबंध में एसपी शुभम आर्या ने बताया कि डिजिटल प्रणाली से सभी थानों में अभिलेख डिजिटल जो जायेगा. अससे काम करने में लोगों को अब सहूलियत होगी. फिजिकल तरीके से काम करने में विलंब होता था, उससे राहत मिलेगी. लंबित मामलों का अवलोकन करने में भी सहूलियत होगी.
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