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खुलासा करनेवाले को बनाया आरोपित

हास्यास्पद . जिले में करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में आया नया मोड़ जिसकी जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई, उसी को बना दिया गया आरोपित आरोपित कल्याण पदाधिकारी के परिजनों ने लगाया आरोप बक्सर : जिले के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जिला कल्याण पदाधिकारी सहित दो आरोपित भले ही सलाखों के पीछे पहुंच चुके हों, पर […]

हास्यास्पद . जिले में करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में आया नया मोड़

जिसकी जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई, उसी को बना दिया गया आरोपित
आरोपित कल्याण पदाधिकारी के परिजनों ने लगाया आरोप
बक्सर : जिले के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में जिला कल्याण पदाधिकारी सहित दो आरोपित भले ही सलाखों के पीछे पहुंच चुके हों, पर करोड़ों की हुई हेराफेरी के इस मामले के कई राज अभी भी छुपे हुए हैं. उस राज से पर्दा हटाना पुलिस व जिला प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती होगी. सूत्रों की माने तो अगर इस राज से पर्दा उठा, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. कई बड़े चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर घोटालेबाजों पर कार्रवाई हुई, बाद में उसी को आरोपित बना दिया गया. इसका खुलासा छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित बनाए गए जिला कल्याण पदाधिकारी के परिजनों द्वारा प्रस्तुत कागजातों से हुआ है.
कल्याण पदाधिकारी राकेश त्रिपाठी के भाई भूपेश कुमार त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत कागजात के अनुसार घोटाले की भनक लगते ही जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गयी थी. इसके तहत कल्याण पदाधिकारी द्वारा 21 मई 2016 को डीएम को पत्र लिखकर घोटाले की जानकारी देते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. जिला कल्यापण पदाधिकारी के उस रिपोर्ट के आधार पर डीएम द्वारा 22 मई को पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था.
जांच के क्रम में करीब दो करोड़ का मामला उजागर हुआ और तब इसको लेकर 30 जून को अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी के बयान पर 21 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करायी गयी थी. मामले के तूल पकड़ने पर बाद में जिला कल्याण पदाधिकारी का नाम जोड़ दिया गया. इस मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी राकेश त्रिपाठी व फर्जी स्कूल के संचालक रवि प्रकाश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं 19 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट भी जारी कर दिया गया है.
दो साल से चल रहा था घोटाले का खेल
जिले में करीब दो साल से छात्रवृत्ति की राशि को गटकने का खेल चल रहा था. इसके तहत करीब दो करोड़ से अधिक की राशि हड़प ली गयी है. इसमें फर्जी स्कूल संचालक से लेकर कल्याण व शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत रही है. शिक्षा विभाग की मिलीभगत से जिले में आठ फर्जी स्कूल स्थापित किए गए. उसके बाद वित्तीय वर्ष 2014-15 व 2015-16 के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों की दी जाने वाली राशि गटक ली गयी. इस पूरे प्रकरण में महत्वपूर्ण प्रश्न फर्जी स्कूलों के संचालन से जुड़ा है.
लोग का इस प्रश्न का जवाब देना जिला प्रशासन के लिए कठिन हो रहा है कि आखिर किसके आदेश से फर्जी स्कूलों का संचालन किया जा रहा था.
जिला कल्याण पदाधिकारी के आवेदन पर नहीं हुई थी एफआईआर
छात्रवृत्ति घोटाला के मामले में एफआईआर दर्ज करने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा चल रही है. जानकारी के अनुसार मामला प्रकाश में आने के बाद जिला कल्याण पदाधिकारी राकेश त्रिपाठी द्वारा 20 जून को ही एफआईआर करने के लिए नगर थाना में आवेदन दिया गया था. आवेदन में कहा गया था कि फर्जी स्कूल के नाम पर अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों के नाम पर करीब दो करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक की राशि की अवैध निकासी कर ली गयी है.
हालांकि जिला कल्याण पदाधिकारी के आवेदन पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकी थी. वहीं थाने में आवेदन देने से पहले जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा 12 मई को जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर छात्रवृत्ति वितरण के लिए प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. उसके बाद 13 मई को बक्सर के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को भी मामले की जांच का आदेश दिया गया था. इसके अलावा सभी संबंधित बैंकों कार्यालयों को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराते हुए अपने स्तर से छानबीन करने का कहा गया था. ऐसे मे एफआईआर में जिला कल्याण
पदाधिकारी को आरोपित बनाए जाने पर परिजनों ने आपत्ति जतायी है. आरोपित कल्याण पदाधिकारी के भाई भूपेश त्रिपाठी ने साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि किसी बड़े अफसर को बचाने के लिए उनको गलत तरीके से फंसा दिया गया.
कल्याण पदाधकिारी के परिजनों ने लगायी गुहार
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित किए गए जिला कल्याण पदाधिकारी के परिजनों ने मामले की निष्पक्ष व उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इसको लेकर कल्याण पदाधिकारी राकेश त्रिपाठी के भाई भूपेश त्रिपाठी ने डीएम व एसपी सहित सभी संबंधित अफसरों को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. उनका कहना है कि उनके भाई को साजिश के तहत गलत तरीके से फंसाया गया है. उनका कहना है कि अगर मामले की सही तरीके से जांच की जाए, तो पूरा मामला स्पष्ट हो जायेगा िक कौन दोषी है और कौन िनर्दोष़

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