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विभागों में एक डॉक्टर तक नहीं

जांच में मानक पर खरा नहीं उतरा आइएसओ प्राप्त सदर अस्पताल आइएसओ से मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल अब उसके मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है. यह हम नहीं, जांच टीम का कहना है. ऐसे में आइएसओ से मान्यता सदर अस्पताल से छिन सकती है. बक्सर : बक्सर सदर अस्पताल का हाल बदहाल है. चिकित्सकों […]

जांच में मानक पर खरा नहीं उतरा आइएसओ प्राप्त सदर अस्पताल

आइएसओ से मान्यता प्राप्त सदर अस्पताल अब उसके मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है. यह हम नहीं, जांच टीम का कहना है. ऐसे में आइएसओ से मान्यता सदर अस्पताल से छिन सकती है.
बक्सर : बक्सर सदर अस्पताल का हाल बदहाल है. चिकित्सकों की भी कमी है. एक ही चिकित्सक से किसी तरह कार्य कराया जा रहा है. कई विभाग ऐसे हैं जहां उस विभाग से संबंधित एक भी डॉक्टर नहीं है. दवा की उपलब्धता भी स्टॉक से काफी कम है. आलम यह है कि एंटी रैबीज की सूई नहीं है. ऐसे में कुत्ता काटे जाने पर प्राइवेट से ही दवा लेनी पड़ेगी. सदर अस्पताल में वार्डों की स्थिति बेहतर नहीं है. सतरंगी चादर का भी पालन नहीं किया जाता है. नर्सों की उपलब्धता भी काफी कम है. ऐसे में मरीजों का इलाज कैसे होता होगा यह आप सोच सकते हैं.
चाहिए 33 तरह की दवाएं, उपलब्ध हैं महज 14 : सदर अस्पताल के ओपीडी में 33 तरह की दवाओं की उपलब्धता होनी है, लेकिन महज 14 तरह की ही दवाएं उपलब्ध हैं. हालांकि दवाओं की उपलब्धता को लेकर विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. जल्द ही दवाओं की खरीद कर ली जायेगी.
डॉक्टरों की है भारी कमी : सदर अस्पताल में चिकित्सकों की काफी कमी है. स्वीकृत पद 30 हैं, जबकि 16 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. ऐसे में 14 पद रिक्त हैं. कई विभागों के एक भी डॉक्टर नहीं हैं. ग्रेड एक की नर्स भी 50 की जगह महज 26 ही हैं. जबकि 24 पद रिक्त हैं.
नहीं है अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था :
सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था नहीं है. नतीजतन इसके लिए लोगों को बाहर जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है. वहीं मानक के अनुसार, सदर अस्पताल में सौ बेड होने चाहिए, लेकिन वार्डों में उपलब्ध बेडों की संख्या महज दो तिहाई है. इससे वार्डों में मरीजों की संख्या बढ़ने से परेशानी होती है.
मरीजों के लिए लगाया गया टोकन डिसप्ले नहीं कर रहा काम
एक विशेषज्ञ डॉक्टर के सहारे चल रहा सदर अस्पताल
प्रतिदिन 400 मरीज दिखाने के लिए आते हैं सदर अस्पताल
पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त
अधीक्षक 01 0 01
फिजिशियन 02 01 01
जेनरल सर्जन 02 01 01
स्त्री रोग विशेषज्ञ 02 00 02
चर्म रोग विशेषज्ञ 01 00 01
शिशु रोग विशेषज्ञ 02 01 01
मुर्छक 02 02 00
महिला चिकित्सक 09 03 06
ए ग्रेड नर्स 50 26 24
अस्पताल में ब्लड बैंक न कचरा प्रबंधन की व्यवस्था
सदर अस्पताल परिसर में ब्लड बैंक नहीं है. ऐसे में मरीजों को ब्लड लेने के लिए अस्पताल से चार किलोमीटर दूर शहर के रेड क्रॉस से ब्लड लेने आना पड़ता है. इससे मरीजों के परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं सदर अस्पताल में कचरा प्रबंधन की भी बेहतर व्यवस्था नहीं है. सदर अस्पताल परिसर में एक किनारे कचरा गिरा दिया जाता है, जिससे मरीजों को संक्रमण रोग होने का खतरा बना रहता है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए कटिबद्ध है. जो भी कमियां हैं उसे दूर किया जायेगा. उन्होंने कहा कि लेबर रूम और ओटी को व्यवस्थित किया जा रहा है.
डॉ ब्रज कुमार सिंह, सीएस

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