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सदर अस्पताल पहुंच डीएम ने कराया पीड़ितों का इलाज

तत्परता. बिजली नहीं रहने से आधा घंटा तक अंधेरे में रहे डीएम शांति नगर के पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन ने पहुंचाया सदर अस्पताल जिलाधिकारी के नेतृत्व में पीड़ित बच्चों का किया गया इलाज स्वस्थ होने तक एनआरसी में रहेंगे बच्चे बक्सर : शांति नगर में एक ही घर के दो बच्चों की मौत की […]

तत्परता. बिजली नहीं रहने से आधा घंटा तक अंधेरे में रहे डीएम

शांति नगर के पीड़ित परिवार को जिला प्रशासन ने पहुंचाया सदर अस्पताल
जिलाधिकारी के नेतृत्व में पीड़ित बच्चों का किया गया इलाज
स्वस्थ होने तक एनआरसी में रहेंगे बच्चे
बक्सर : शांति नगर में एक ही घर के दो बच्चों की मौत की सूचना के बाद जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए न केवल पीड़ित गणेश पासवान के परिवारों से मिला, बल्कि शांति नगर के हर कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया. साथ ही पीड़ित गणेश के तीन पुत्रों एवं पत्नी सुशीला देवी की सदर अस्पताल में इलाज के बाद एनआरसी में भरती कराया गया.
बच्चे पूर्ण स्वस्थ होने तक सदर अस्पताल भवन में चल रहे एनआरसी केंद्र में ही भरती रहेंगे. जिलाधिकारी गणेश के बीमार बच्चों को एक्सरे कराने स्वयं अहले सुबह सदर अस्पताल पहुंचे. जिलाधिकारी के सदर अस्पताल पहुंचते ही सदर अस्पताल में कर्मियों की भाग दौड़ शुरू हो गयी. सभी अपने कामों में मुस्तैद हो गये.
डीएम ने पीडि़त परिवार के बच्चों का एक्सरे कराने के बाद रिपोर्ट की जांच करायी, जिसमें छोटे बच्चे को टीवी होने की पुष्टि की गयी. जिलाधिकारी रमण कुमार स्वयं पीड़ित बच्चों के हालचाल लेने गुरुवार की देर रात्रि सीधे सदर अस्पताल के एनआरसी में पहुंचे थे. एनआरसी में फूडिंग डेमोंस्ट्रेटर की अनुपस्थिति पर काफी आक्रोशित हुए और फूडिंग डेमोंस्ट्रेटर को जो उस समय अपने घर पर थीं को फोन लगा कर शीघ्र ही एनआरसी में पहुंचने का निर्देश दिया.
एनआरसी में पहुंचने के बाद फूडिंग डेमोंस्ट्रेटर ने कुपोषित बच्चों को दिये जानेवाला सप्लीमेंट दिया. सदर अस्पताल के एनआरसी में जिलाधिकारी रमण कुमार, आइसीडीएस डीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह,सीडीपीओ पुष्पा रानी, सिविल सर्जन डॉ ब्रज कुमार सिंह, आपूर्ति पदाधिकारी शिशिर कुमार मिश्रा ये सभी अधिकारी सदर अस्पताल में चार घंटे तक जमे रहे.
इस संबंध में जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सत्येंद्र नारायण सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम पीडि़त परिवार की हालचाल उनके शांति नगर आवास पर जाकर लिया. उसके बाद पीडि़त परिवार को समझा बुझा कर सदर बीडीओ मनोज कुमार अपने वाहन से सदर अस्पताल ले गये, जहां उनका इलाज शुरू हुआ.
पीड़ित परिवार को मिलेगा योजनाओं का लाभ : साथ ही उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार को अंत्योदय योजना का लाभ, कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत छह हजार रुपये, आंगनबाड़ी केंद्र से टीएचआर, आपूर्ति विभाग द्वारा अलग से 50 किलोग्राम अनाज, आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा 15 किलो अनाज उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ कहा कि गणेश की पत्नी मुक वधिर है, उसे दिव्यांगता का प्रमाण पत्र दिया गया है.
बच्चों की देखरेख के लिए लगायी गयी है कर्मियों की ड्यूटी
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पीड़ित बच्चों की देखरेख के लिए बाल संरक्षण इकाई व चाइल्ड लाइन के कर्मियों को लगाया गया है. बाल संरक्षण इकाई इन पीड़ित बच्चों को दिन में देखरेख करेगी. जबकि रात में इन पीड़ित बच्चों की देखरेख चाइल्ड लाइन के जिम्मेें लगाया गया है.
प्रबंधक से स्पष्टीकरण
सदर अस्पताल में जिलाधिकारी के पहुंचने पर चारों तरफ अंधेरा पसरा हुआ था. बिजली नहीं थी, बावजूद रोशनी के लिए लगाये गये जेनेरेटर चल नहीं रहे थे.
इस व्यवस्था को देखते हुए जिलाधिकारी प्रबंधक चंद्रशेखर आजाद एवं अस्पताल उपाधीक्षक केएन गुप्ता पर बिफर पड़े. आनन-फानन में आधा घंटा बाद रोशनी की व्यवस्था के लिए एक जेनेरेटर की व्यवस्था की गयी.

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