वर्ष 2014-15 के 92 लाभुक भर रहे हैं बैंकों का सूद
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गव्य विकास योजना की नहीं मिल रही सब्सिडी
वर्ष 2014-15 के 92 लाभुक भर रहे हैं बैंकों का सूद सब्सिडी की 1 करोड़ 69 लाख राशि बैंक में पड़ी है बक्सर : पशुपालन विभाग की योजनाओं में मिलनेवाली सब्सिडी की राशि पशुपालकों को नहीं मिल रही है. जबकि राज्य सरकार के पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए सब्सिडी काफी पहले ही रिलीज कर […]
सब्सिडी की 1 करोड़ 69 लाख राशि बैंक में पड़ी है
बक्सर : पशुपालन विभाग की योजनाओं में मिलनेवाली सब्सिडी की राशि पशुपालकों को नहीं मिल रही है. जबकि राज्य सरकार के पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए सब्सिडी काफी पहले ही रिलीज कर दी थी. सब्सिडी की राशि एक करोड़ 69 लाख बैंक के खाते में पड़ी है और पशुपालक बैंकों को सूद भर रहे हैं. यह हाल न सिर्फ बक्सर जिले का है,
बल्कि राज्य के 17 जिले के पशुपालक इसी हाल में हैं, जिससे सरकार भी जिला प्रशासन की ढूलमूल नीतियों से परेशान है. 2014-15 में कुल 92 पशुपालकों को इसका लाभ दिया गया था और किसी भी पशुपालक को सब्सिडी राशि नहीं मिली है. विभाग ने काफी मशक्कत के बाद राज्य सरकार से सब्सिडी तो ले ली, मगर पशुपालकों तथा पहुंचाने में अड़ंगा लगने से भुगतान लंबित है और पैसे बैंक के खाते में है.
वर्ष 2014-15 में आयी थी पशुपालन विकास की योजना : वर्ष 2014-15 में सामान्य जाति के लोगों को दो-दो दुधारू गायें और अनुसूचित जाति के लिए दो-दो दुधारू गायें तथा 15 लोगों को पांच गायें तथा 8 लोगों को दस-दस गायें और तीन लोगों को 20 गायों की डेयरी बनाने के लिए बैंकों से कर्ज दिलाये गये थे.
कुल 92 लोगों को सूचीबद्ध कर जिले के विभिन्न बैंकों से कर्ज दिलाये गये थे, जिसमें 50 फीसदी राशि सभी पशुपालकों को सब्सिडी दी गयी थी. इस योजना में जिले के चक्की, ब्रह्मपुर, केसठ, चौगाईं प्रखंडों को छोड़कर शेष सभी सात प्रखंडों के लोगों को पशुपालन के लिए चयनित कर डेयरी बनाने का मौका दिया गया था. इस डेयरी में शुरू में ही पशुपालकों का भौतिक सत्यापन करके उन्हें कर्ज दिलाये गये थे. गव्य विकास की इस योजना में सब्सिडी की राशि लेने के लिए लंबे समय तक विभाग ने प्रयास किया,
जिसके बाद एक करोड़ 69 लाख रुपये की राशि सब्सिडी की जिला प्रशासन को मिल गयी और उसे जिला प्रबंधन ने पशुपालन विभाग को भी हस्तांतरित कर दिया. बावजूद इसके सब्सिडी की राशि पशुपालकों को नहीं मिल रही है.
जिलाधिकारी ने लगाया अड़ंगा
पशुपालकों की पूर्व में हुई जांच की अनदेखी करते हुए जिलाधिकारी रमण कुमार ने पिछले माह पत्रांक 05-0602/वी दिनांक 31.3.2015 को भेजे गये पत्र में सभी बीडीओ, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, अनुमंडल पशुपालन पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी को पत्र लिखकर भौतिक सत्यापन कर सभी लाभुकों को सब्सिडी की राशि देने को कहा है.
पत्र में यह भी कहा गया है कि बीडीओ और प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला पशुपालन पदाधिकारी को सौंपेगें और फिर जांच रिपोर्टों की 20 फीसदी जांच जिला पशुपालन पदाधिकारी स्वयं करेंगे और फिर 25 फीसदी जांच अनुमंडल पशुपालन पदाधिकारी करेंगे और डेयरी का भौतिक सत्यापन रिपोर्ट के बाद सब्सिडी की राशि दी जायेगी.
डीएम ने इस पत्र में जांच के लिए 15 दिनों का समय निर्धारित किया था, जो 15 अप्रैल को ही खत्म हो गया और अब तक 92 लोगों में से मात्र 10 लाभुकों का ही भौतिक सत्यापन जांच टीम कर सकी है. ऐसे में जांच कब तक पूरा होगा और कब सब्सिडी की राशि मिलेगी?
क्या कहते हैं जिला पशुपालन पदाधिकारी
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ गिरिजा शंकर प्रसाद कहते हैं कि सब्सिडी की राशि के लिए जिलाधिकारी ने जांच कराने को कहा है. अब तक वर्ष 2014-15 के लिए 92 लाभुकों में से 10 लाभुकों की जांच हो पायी है.पंचायत चुनाव के बाद जांच को गति देकर प्राथमिकता से पूरा किया जायेगा, ताकि अविलंब लाभुकों को सब्सिडी की राशि मिल सके. नये चयन में भी 131 लोगों का लक्ष्य है, जिसका चयन करके अतिशीघ्र सब्सिडी का लाभ पहुंचाने का काम किया जायेगा.
क्या कहते हैं एलडीएम
पंजाब नेशनल बैंक के एलडीएम जे चक्रवर्ती कहते हैं कि लाभुकों के चयन के लिए तीन सदस्यीय टीम बनी हुई है, जिसमें जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ गिरिजा शंकर प्रसाद, जिला उद्योग महाप्रबंधक रंजन कुमार और जिला मत्स्य पदाधिकारी नरेंद्र कुमार सदस्य हैं. जिनकी देखरेख में 131 लाभुकों का चयन किया जाना है, जिसमें 95 लोग सामान्य जाति के होंगे और 36 लोग अनुसूचित जाति के होंगे.
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