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भूखे पेट रखे जा रहे दर्जनों मवेशी जब्त

मौके से 160 मवेशियों को पुलिस ने किया बरामद पशुओं की हालत देखकर भौचक रह गयी पुलिस नगर इंस्पेक्टर ने कहा, पशु अत्याचार अधिनियम के तहत होगा मामला दर्ज बक्सर : तय मानक के हिसाब से मवेशियों को नहीं रखने के आरोप में दिल्ली की एक स्वयंसेवी संस्थान के हस्तक्षेप के बाद बक्सर पुलिस ने […]

मौके से 160 मवेशियों को पुलिस ने किया बरामद

पशुओं की हालत देखकर भौचक रह गयी पुलिस
नगर इंस्पेक्टर ने कहा, पशु अत्याचार अधिनियम के तहत होगा मामला दर्ज
बक्सर : तय मानक के हिसाब से मवेशियों को नहीं रखने के आरोप में दिल्ली की एक स्वयंसेवी संस्थान के हस्तक्षेप के बाद बक्सर पुलिस ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की. पुलिस ने मौके से 160 मवेशियों को बरामद किया. पुलिस की यह कार्रवाई शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के सारिमपुर मोहल्ले के एक मवेशी व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर की. छापेमारी में नगर थाना के अलावे मुफस्सिल व औद्योगिक थाने की पुलिस साथ थी. छापेमारी के दौरान उक्त स्थान से एक मवेशी की हालत काफी खराब मिली. सूचना के बाद पशुपालन विभाग द्वारा उक्त स्थान पर एक मेडिकल टीम भेज कर वहां रखे सभी मवेशियों की जांच की गयी.
बताया जाता है कि दिल्ली से आयी एक एनजीओ ने पशु क्रूरता अनिवारण सोसाइटी से मिलकर पूरी बातों की जानकारी पुलिस को उपलब्ध करायी थी. जानकारी में बताया गया था कि वहां के एक मवेशी व्यवसायी तय मानकों को दर किनारा कर सारिमपुर गोलंबर स्थित एक हाता में काफी दिनों से पशुओं को रखा है. पशुओं को खाली पेट खुले धूप में रखा जाता है.
एनजीओ ने बताया था कि इस बात की जांच पूर्व में पूरा की गयी है. पूरे मामले की जानकारी के बाद एसपी के आदेश पर गठित एक टीम द्वारा उक्त स्थान पर छापेमारी की गयी, जहां पूरा मामला सत्य पाया गया. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बक्सर पुलिस ने आरोपित पर पशु अत्याचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. इस संबंध में एनजीओ में शामिल चार महिला पदाधिकारियों का भी बयान दर्ज किया जा रहा है. बताया जाता है कि पशु व्यवसायी के पास पशुओं का व्यवसाय करने का लाइसेंस प्राप्त है. लाइसेंस में पशु को रखने व उससे संबंधित व्यवसाय करने को लेकर कई तरह के मानक तय हैं. वहीं इस मामले के आरोपित पशु व्यवसायी के पुत्र ने पत्रकारों को बताया कि पशुओं को जिस जमीन पर रखा जा रहा था. वह जमीन सिर्फ हमारी है.
पशु किसके हैं यह हमें नहीं पता. छापेमारी में जिन मवेशियों को जब्त किये जाने की बात बतायी जा रही है, वह हमारे नहीं हैं. इस संबंध में औद्योगिक थानाध्यक्ष शेर असलम अंसारी ने बताया कि यह जांच का विषय है कि किसके द्वारा उक्त जानवरों को तय मानकों से विपरीत रखा जाता था. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक पशु व्यवसायी का नाम संज्ञान में आया है. हालांकि जब तक पशु क्रूरता अनिवारण सोसाइटी आरोपित पशु व्यवसायी का नाम लिखित तौर पर पुलिस को उपलब्ध नहीं कराती है तब तक बक्सर पुलिस इस संबंध में आरोपित का नाम सार्वजनिक नहीं कर सकती है. छापेमारी में दिल्ली एवं मुंबई से आयी टीम में पशु एनिमल क्रूवेल्टि प्रोवेल्टी विभाग की आरती वर्णवाल, एनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य राकेश पांडेय, गोशाला संचालक वेद प्रकाश जाधव, दीपक, मिनाक्षी, सिम्मी, अनिता, निधि आदि मौजूद थे.

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