योजना. जिले में 1200 हेक्टेयर भूमि पर होती है प्याज की खेती
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प्याज भंडारण के लिए निर्माण पर मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान
योजना. जिले में 1200 हेक्टेयर भूमि पर होती है प्याज की खेती किसानों का प्याज अब बर्बाद नहीं होगा. इसके लिए राज्य सरकार किसानों को प्याज भंडारण निर्माण पर 50 फीसदी अनुदान देगी. जिले के पांच प्रखंड ऐसे हैं जहां पर प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. भंडारण की व्यवस्था नहीं होने […]
किसानों का प्याज अब बर्बाद नहीं होगा. इसके लिए राज्य सरकार किसानों को प्याज भंडारण निर्माण पर 50 फीसदी अनुदान देगी. जिले के पांच प्रखंड ऐसे हैं जहां पर प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. भंडारण की व्यवस्था नहीं होने से किसान औने-पौने दामों पर प्याज बेच देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भंडारण के लिए सरकार एक लाख 75 हजार रुपये देगी. उस पर लगभग 85 हजार अनुदान मिलेगा.
बक्सर : जिले में प्याज अब खराब नहीं होगा. इसके लिए भंडारण की उचित व्यवस्था की जायेगी. इससे प्याज के मूल्य नियंत्रण में काफी सहूलियत होगी. नयी तकनीक के साथ भंडारण इकाई की स्थापना करने पर किसानों को 50 फीसदी अनुदान राज्य सरकार देगी. भंडारण इकाई की लागत बहुत कम है. इसके लिए जिले के उद्यान पदाधिकारी से मिलकर इस योजना का लाभ किसान ले सकते हैं. प्याज उत्पादन के मामले में जिला काफी आगे है. यहां पर सिमरी, चौसा, बक्सर, ब्रह्मपुर तथा चक्की में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती की जाती है. जिले में 1200 हेक्टेयर में प्याज की खेती होती है.
उद्यान कार्यालय में करें आवेदन: इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान उद्यान कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की प्रक्रिया बड़ी सरल है. उद्यान पदाधिकारी इस संबंध में बतायेंगे. आवेदन करते वक्त जिस जमीन पर भंडारण इकाई का निर्माण कराना है. वह जमीन आवेदक के नाम से होनी चाहिए. इसके साथ ही जमीन की रसीद, दो फोटो और कितने एकड़ में प्याज की खेती करते हैं. उसका ब्योरा होना चाहिए.
इस तरह होगी भंडारण इकाई: भंडारण इकाई बनाने के लिए 20 फिट लंबा, 12 फिट चौड़ा तथा 15 फिट ऊंचा कमरा बनाना होता है. कमरे के अंदर बांस की चाली बनायी जाती है. इसके साथ ही कमरे में एकजॉस्ट तथा सीलिंग फैन लगाना होता है. इससे प्याज सड़ता नहीं. इससे किसानों को काफी हद तक प्याज को रखने में मदद मिलेगी. वहीं महंगे दामों पर भी अपने प्याज को बेच सकते हैं.
1200 हेक्टेयर में होती है खेती: जिले में प्याज की खेती दियारा इलाके में ज्यादा होती है. कुल मिलाकर 1200 हेक्टेयर में प्याज की खेती की जाती है.
इसे देखते हुए किसानों को प्याज भंडारण कराने को लेकर भंडारण इकाई का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया है. गत दिनों कृषि मंत्री ने भी सभी किसानों को प्याज की खेती करने वाले इलाकों में भंडारण इकाई का निर्माण कराने का निर्देश जिला उद्यान पदाधिकारियों को दिया था. जल्द ही कार्य शुरू होगा.
भंडारण इकाई पर खर्च होंगे लगभग 1 लाख 75 हजार रुपये
भंडारण की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को होती है परेशानी
बर्बादी पर लगेगी रोक
भंडारण इकाई का निर्माण होने से प्याज के बर्बादी पर रोक लगेगी. इसके साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी. किसान अपनी सुविधा के अनुसार प्याज को बाजार में बेच सकेंगे. प्याज भंडारण के निर्माण पर राज्य सरकार से 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है.
कमलेश कुमार, सहायक उद्यान निदेशक, बक्सर
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