बक्सर : बक्सर में इलाज के दौरान महिला की मौत पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने जमकर बवाल किया. परिजनों के हंगामे को देखते हुए विश्वामित्र हॉस्पिटल के चिकित्सक और कर्मचारी फरार हो गये. मृतक महिला के परिजनों ने किडनी निकालने और लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी है. महिला के शव के साथ चार घंटे तक हंगामा किया गया. शव का पोस्टमार्टम डीएस के नेतृत्व में टीम गठित कर किया गया. शव के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है.
वहीं, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से डॉक्टर फरार चल रहे हैं. इधर सड़क जाम कर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करनेवाले लोगों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगी हुई है. जानकारी के अनुसार इटाढ़ी थाना क्षेत्र के करुजुआं गांव निवासी रंजन कुमार रजक की पत्नी प्रभा देवी को पेट में दर्द होने की शिकायत पर 14 सितंबर को इलाज के लिए विश्वामित्र हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. सोमवार को महिला की अस्पताल में ही मौत हो गयी,
जिसके बाद वहां के चिकित्सक ने मरीज की स्थिति को नाजुक बताते हुए सदर अस्पताल में रेफर कर दिया. महिला के परिजन जब सदर अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने कहा कि इसकी मौत हो चुकी है. इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. विश्वामित्र हॉस्पिटल के सामने जमकर बवाल किया. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस के काफी समझाने बुझाने के बाद कुछ देर के लिए लोग शांत हुए. इसके बाद शव के साथ परिजन और उनके समर्थक नगर थाना चौक पर पहुंचे, जहां शव के साथ प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान सड़क पर आगजनी कर यातायात को बाधित कर दिया. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चटकायीं, जिसमें कई लोग जख्मी हो गये.
किडनी निकालने का लगाया आरोप : परिजनों ने डॉक्टर पर कई संगीन आरोप लगाये हैं. उनका कहना था कि महिला का किडनी निकाल लिया गया है. इसकी सूचना मिलते ही आसपास के लोग भी उसके समर्थन में जुट गये और जमकर हंगामा करने लगे. चार घंटे तक मुख्य चौक जाम रहने के कारण सड़क की दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. यात्रियों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, महिला के पति के बयान पर डॉक्टर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गयी है.
चिकित्सक की लापरवाही से खड़ा हुआ बखेड़ा : महिला की मौत होने के बाद चिकित्सक और अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला के परिजनों को बरगलाया गया. यह कहकर महिला को रेफर किया गया कि उसकी हालत नाजुक है और सदर अस्पताल में सभी तरह के उपकरण मौजूद हैं, जिसके बाद महिला के परिजन मरे अवस्था में उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने देखते ही महिला को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर हंगामा किये.
टीम गठित कर कराया गया पोस्टमार्टम : महिला की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करने के लिए डीएस के नेतृत्व में एक बोर्ड का गठन किया गया, जिसमें आरके गुप्ता, डॉ अनिल सिंह को रखा गया था. टीम द्वारा महिला का पोस्टमार्टम किया गया जहां बात खुलकर सामने आयी कि महिला का किडनी नहीं निकाला गया था. बल्कि पित की थैली का ऑपरेशन किया गया था.
लापरवाही की होगी जांच, सील किया जा सकता है अस्पताल
मामले की जांच करने को लेकर सीएस ने टीम का गठन किया है. जो विश्वामित्र हॉस्पिटल से लेकर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से रिपोर्ट लेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. जांच के दौरान अगर कहीं भी चिकित्सक की लापरवाही या अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आती है, तो कार्रवाई की जायेगी. सीएस ने कहा कि इस मामले में दोषी पाये जाने पर चिकित्सक और अस्पताल को भी सील करने का प्रावधान है.
चिकित्सक ने कहा नहीं बरती गयी है लापरवाही : विश्वामित्र हॉस्पिटल के डॉक्टर बीके सिंह ने कहा कि मरीज के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गयी है. मरीज का इलाज बेहतर ढंग से चल रहा था. चिकित्सक बीके सिन्हा द्वारा उनका इलाज किया गया है. किडनी निकालने का जो आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है.