कहा 30 जून तक करें छात्र-छात्राओं का नामांकन
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स्कूलों के औचक निरीक्षण में पहुंचे डीइओ
कहा 30 जून तक करें छात्र-छात्राओं का नामांकन छात्र-छात्राओं की संख्या मिली कम, संख्या बढ़ाने का दिया निर्देश डुमरांव : जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीकृष्ण सिंह ने स्टेशन रोड स्थित अभ्यासार्थ मध्य विद्यालय, राजगढ़ परिसर स्थित महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय और छठिया पोखर पथ स्थित महाजनी मध्य विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस बाबत डीइओ […]
छात्र-छात्राओं की संख्या मिली कम, संख्या बढ़ाने का दिया निर्देश
डुमरांव : जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीकृष्ण सिंह ने स्टेशन रोड स्थित अभ्यासार्थ मध्य विद्यालय, राजगढ़ परिसर स्थित महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय और छठिया पोखर पथ स्थित महाजनी मध्य विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस बाबत डीइओ ने बताया कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 30 जून तक नामांकन लेना है. इस दौरान विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक-शिक्षिका इसको लेकर अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार करेंगे. वहीं उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं की छुट्टी दस प्रतिशत रहेगी. उन्होंने बताया कि स्कूल में शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या दस है और पांच छुट्टी पर है.
इस पर नियंत्रण लगाने के लिए निर्देश दिया कि प्रतिशत में मात्र दस प्रतिशत प्रधानाध्यापक छुट्टी दें. ताकि विद्यालय का पठन-पाठन बाधित न हो. उन्होंने बताया कि विद्यालय में शौचालय, पेयजल, भवन, साफ-सफाई सहित विद्यालय में उपस्थित पंजी का निरीक्षण किया. महारानी उषारानी बालिका मध्य विद्यालय में डिइओ ने अभिलेख की मांग. उपस्थित प्रधानाध्यापक मो शरीफ अंसारी ने उपलब्ध नहीं कराया. जबकि महाजनी मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापिका छुट्टी पर रहने से अभिलेख जांच नहीं हो पाया. इस बाबत बच्चों की संख्या बढ़ाने व विद्यालय की साफ-सफाई व शौचालय का उपयोग का विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. प्रखंड में निरीक्षण के दौरान डीईओ के अलावे डीपीओ सईद अंसारी, अरिंजेय कुमार, दीनानाथ विश्वकर्मा, शंकर प्रिय, बीईओ विजय कुमार, साधनसेवी पवन कुमार मिश्रा, बीआरपी डाॅ महेश प्रसाद, एमडीएम प्रभारी प्रीति सिन्हा, सिमरी एमडीएम प्रभारी अशोक कुमार डुमरांव प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण को लेकर विद्यालयों में हड़कंप मचा रहा. दूसरी तरफ प्रधानाध्यापकों के मोबाइल की घंटी घनघनाती रही. निरीक्षण के दौरान पद स्थापित शिक्षकों की संख्या, नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या, कितने बच्चों के यहां शौचालय है, कितने भौतिक रूप से बच्चे उपस्थित रहे, विद्यालय की साफ-सफाई, स्कूल का भवन, पेयजल और शौचालय की जांच हुई. विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम देखने को मिली.
जिसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया.
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