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माया बनीं बक्सर की चेयरमैन, इंद्र बने उप चेयरमैन
मिली जिम्मेदारी. बक्सर व डुमरांव नगर पर्षद में शुक्रवार को चुन लिये गये मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद बक्सर : नगर पर्षद की नयी सरकार का गठन शुक्रवार को समाहरणालय में शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन की देखरेख में हुआ. चुनाव में विजयी 34 वार्ड सदस्यों में से मुख्य पार्षद के निर्वाचन में 32 वार्ड […]
मिली जिम्मेदारी. बक्सर व डुमरांव नगर पर्षद में शुक्रवार को चुन लिये गये मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद
बक्सर : नगर पर्षद की नयी सरकार का गठन शुक्रवार को समाहरणालय में शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन की देखरेख में हुआ. चुनाव में विजयी 34 वार्ड सदस्यों में से मुख्य पार्षद के निर्वाचन में 32 वार्ड पार्षदों ने हिस्सा लिया. जबकि दो नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य शपथ ग्रहण तक में हिस्सा लेने के लिए नहीं आये. शपथ लेने के बाद दो वार्ड सदस्यों ने चेयरमैन व एक वार्ड सदस्य ने उप चेयरमैन पद के चुनाव में हिस्सा ही नहीं लिया. सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक चुनावी प्रक्रिया चली. मुख्य पार्षद का चुनाव शुरू हुआ. वार्ड नंबर तीन की माया देवी व वार्ड नंबर 28 की गीता देवी ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया. माया देवी के पक्ष में 18 वार्ड सदस्यों ने मत डाला. वहीं, गीता देवी को 12 मत मिले.
जबकि दो वार्ड सदस्यों ने किसी के पक्ष में मतदान नहीं किया. माया देवी चेयरमैन पद के लिए निर्वाचित हुईं. इसके बाद उप चेयरमैन पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. वार्ड नंबर 23 से निर्विरोध चुने गये इंद्र प्रताप सिंह व वार्ड नंबर नौ से जीते वार्ड सदस्य शशि कुमार गुप्ता ने इसके लिए नामांकन किया. संयोग रहा कि वार्ड नंबर 23 से निर्विरोध जीते इंद्र प्रताप सिंह उर्फ बबन सिंह को 23 मत प्राप्त हुए. जबकि शशि कुमार गुप्ता को आठ मत प्राप्त हुआ. जबकि एक वार्ड सदस्य ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.वहीं, प्रशासन की ओर से भी पुख्ता इंतजाम किया गया था. पूरे कैंपस में अधिकारी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे. साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल के जवानों को भी तैनात किया गया था. वहीं, समाहरणालय के गेट के बाहर मुख्य मार्ग पर भारी भीड़ रही. चुनाव प्रक्रिया उप विकास आयुक्त मो. मोबिन अली अंसारी की देखरेख में संपन्न हुआ.
मुख्य पार्षद की हैं प्राथमिकताएं
मुख्य पार्षद चुनाव जितने के बाद अपनी पहली प्राथमिकता के तौर पर नगर की जल निकासी की समस्या दूर करने की बात की. उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम से पहले नगर के नालों की सफाई की जायेगी. वहीं, नगर को मॉडल नगर बनाने का प्रयास किया जायेगा. इसके साथ ही नगर से अन्यत्र कचरा निस्तारण के लिए जगह संरक्षित किया जायेगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर कचरे का कुप्रभाव न पड़े. नगर के 34 वार्डों को समान रूप से महत्व दिया जायेगा. धार्मिक महत्ववाले इस नगर को आकर्षक एवं सुंदर बनाया जायेगा. बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए शेड का निर्माण भी होगा.
तय हो गया था समीकरण
चुनाव पूर्व ही मुख्य पार्षद बनाने के समीकरण तय हो गये थे. मुख्य पार्षद के लिए आरक्षित कोटे को ध्यान में रखकर ही माया देवी को चुनावी मैदान में उतारा गया था. चुनाव में धन बल से लेकर बाहुबल तक का संरक्षण था. कई सफेदपोशों ने भी इस चुनाव में अपनी दिलचस्पी दिखायी. विरोधी खेमा के पार्षदों ने दबे जुबान से कहा कि माया देवी को कठपुतली मुख्य पार्षद बनाया गया है. पावर तो इन्हें बनानेवालों के हाथ में ही संरक्षित रहेगा. चुनाव पूर्व कई समीकरण बनते एवं बिगड़ते रहे.
चेयरमैन नहीं दे पायीं सही जवाब
नप चेयरमैन के पद का चुनाव जीतने के बाद जब माया देवी समाहरणालय के सभागार से बाहर निकलीं, तो मीडिया ने नगर के विकास से संबंधित कई सवाल पूछे, लेकिन नवनिर्वाचित चेयरमैन मीडिया के सवालों को सही तरीके से जवाब नहीं दे पायीं. बोलने में हिचकिचाती नजर आयीं.
किसी तरह से जोड़-तोड़ कर जवाब दिया कि नगर का विकास करेंगी. नगर में पड़े कूड़ों को हटायेंगी. इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं बोल पायीं.
टोकन सिस्टम के तहत हुआ खरीद फरोख्त : अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों पदों के लिए पहले से ही बोली पहले लग गयी थी. दोनों पदों के लिए नगर में धन धना धन होने लगा था. दावेदारों के बीच पहले ही सबकुछ सेट हो चुका था. सेटिंग में मनी के रूप में टोकन भी कुछ पार्षदों के पा लेने की सूचनाओं का बाजार गरम है.
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