डुमरांव:बिहार के बक्सर में कोरानसराय-नारायणपुर पथ की बदहाली को देखते हुए गुरूवार को कोरानसराय के कोरान गांव के ग्रामीणों का गुस्सा फुट पड़ा. गुस्साए पुरूष व महिला ग्रामीणों ने सड़क बदहाली को ले जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारा लगाया. ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के बाद पहली बार सड़क के बारे पूर्व सांसद स्व. लालमुनी चौबे एवं पूर्व सीपीआई सांसद नागेन्द्रनाथ ओझा ने सुध ली थी. जब कि 1998 के पहले दर्जनों गांव के लोगों को इस रास्ते से आवागमन करने में काफी कठिनाई उठानी पड़ती थी. लागों ने बताया कि सन 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोरानसराय से सरेन्जा तक चार पार्ट करके इस सड़क को बनाया गया था.
वही प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता दयाशंकर तिवारी ने कहा कि 2013-14 में इस सड़क का नव निर्माण का कार्य 1 करोड़ 92 लाख की राशि से प्रकलन के अनुसार नहीं हुआ. मुकेश तिवारी, फुलन तिवारी, कमल पांडेय, मोहन जी तिवारी, हरिद्वार गोड आदि ने बताया कि यह सड़क कोरानसराय से नारायणपुर जाकर बक्सर-सिकरौल राजवाहा तक के गावों को जोड़ती है और पकड़ी से बक्सर धनसोईं मार्ग को जोड़ते हुए कुकुढा़ धनसोई मार्ग को जोड़कर सरेन्जा सें कोचस-बक्सर मार्ग को जोड़ती है. फिर भी इस बदहाल सड़क के बारे में ना तो जन प्रतिनिधि ध्यान देते है और ना ही राज्य सरकार जब कि इस सड़क से जूड़े.
गांव के लागों ने इसकी मरम्मती को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन से गुहार लगाते-लगाते थक गए फिर भी सड़क की बदहाली ज्यो की त्यों कायम है. यह सड़क पुरी तरह गडढों के आगोश में आ गया है. बरसात के दिनों में इस सड़क का क्या होगा भगवान ही मालिक है. लोगों ने कहा कि वाहन से चलना तो दूर की बात है यह सड़क पैदल चलने लायक भी नही रह गयी है. जब कि इस जर्जर सड़क से नाजीरगंज, मठिला, कंजियां, खडरिचा, परमानपुर, कंधरपुर, अदफा, हरनी चट्टी, भखवां, नारायणपुर, डिहरियां, तिरपुरवा, बसुधर सहित 178 गांव जूड़े हुए है.
आक्रोशित लोगों ने जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन से अतिशिघ्र इस सड़क को मरम्मत कराने की मांग की. मौके पर मेंहदी देवी, शांति देवी, राजेश पासवान, रामावती देवी, रामप्रसाद गोड, गुड्डु मियां, पिन्टू गोड सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे.
खुले में शौच मुक्त करने की दिशा में लायें तेजी