बिंद. प्रखंड सह अंचल कार्यालय के सभागार में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर चमकी बुखार से निपटने के लिए एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविका को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान एएनएम और आशा को चमकी बुखार को लेकर प्राथमिक उपचार के साथ तत्काल मुहैया कराए जाने वाली उपायों के बारे में जानकारी दी गयी. पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उमाकांत प्रसाद ने बताया की चमकी बुखार के इलाज, लक्षण व सावधानियां को लेकर जानकारी दी गई हैं. उन्होंने कहा बुखार के साथ अगर शरीर में थरथराहट होता है तो चमकी बुखार का लक्षण है. इसके अलावे अर्ध चेतना एवं मरीज में पहचानें का क्षमता नहीं होना भी चमकी बुखार का लक्षण है. अगर पूर्व से इसकी तैयारी और लोगों में जानकारियां रहेगी तो इससे निपटना बहुत आसान होगा. इसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता लाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि चमकी बुखार के लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दिया है. उन्होंने कहा कि तेज बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर ले इसे अनदेखा न करे. सही समय पर इलाज होने से मरीज को बचाया जा सकता है. इसके साथ ही अस्पताल में हिटवेव और चमकी बुखार से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गयी है. इस प्रशिक्षण में चेचक से बचाव के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई. इस दौरान सभी एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविका सहित स्वास्थ्य विभाग के कई लोग मौजूद थे.
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