बिहारशरीफ. हरनौत नगर पंचायत की स्थिति आज भी नाराजगी और निराशा पैदा करती है. पंचायती राज व्यवस्था से अलग होकर नगर पंचायत बने वर्षों बीत गए, लेकिन नागरिक सुविधाओं के नाम पर आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं. हरनौत नगर पंचायत कार्यालय की शुरुआत जून 2021 में बिहारशरीफ नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल ने की थी. तब से आज तक नगर पंचायत का कामकाज अस्थायी भवन (पूर्व ट्राइसेम भवन) से ही चल रहा है. चार साल गुजर जाने के बावजूद स्थायी भवन का निर्माण नहीं हो सका. लोग स्ट्रीट लाइट, सीमांकन बोर्ड, स्वच्छ पेयजल, जलजमाव की समस्या, जर्जर नालियां, कच्ची सड़कें, स्वच्छ वातावरण और प्राथमिक शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. आदर्श मध्य विद्यालय (डाकबंगला रोड) के पास नाली का पानी लगातार सड़क पर बहता रहता है. कई जगह नालियों के ढक्कन टूटे हुए हैं या फिर ढक्कन हैं ही नहीं. नियमित सफाई नहीं होने से नालियां जाम रहती हैं. बाजार क्षेत्र में शौचालय की भारी कमी है. लोगों को खुले में भटकना पड़ता है. शाम होते ही बाजार अंधेरे में डूब जाता है क्योंकि स्ट्रीट लाइट अब तक नहीं लग पाई. यात्रियों के ठहरने के लिए कोई शेड नहीं है. टेंपू और ई-रिक्शा सवारियों को सड़क किनारे ही खड़ा कर दिया जाता है क्योंकि स्थायी स्टैंड की व्यवस्था नहीं की गई है. बाजार में सब्जी विक्रेताओं के लिए शेड का निर्माण आज तक नहीं हुआ. फुटकर विक्रेता सड़क किनारे ही सब्जी बेचते हैं और मजबूरी में खरीदार भी सड़क पर खड़े होकर सब्जी खरीदते हैं. इससे जाम और अव्यवस्था बनी रहती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने से जनता को कोई खास फायदा नहीं मिला. सिर्फ होल्डिंग टैक्स वसूली की तैयारी है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ीं. नल-जल योजना का लाभ भी ठीक से नहीं मिल रहा है. यहां तक कि नगर पंचायत क्षेत्र की पहचान के लिए कोई सीमांकन बोर्ड तक नहीं लगाया गया है.
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