बिहारशरीफ. जिले में अब तक जल शक्ति अभियान के तहत 59037 योजनाओं पर काम किये गये हैं. जल शक्ति अभियान जल संचय करने के लिए कई योजनाओं का एक समुह है. जल शक्ति अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और भूजल स्तर में सुधार करना है. बिहार सरकार ने भी इस अभियान को राज्य में सक्रियता से लागू किया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने के लिए. इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण. तालाबों, कुओं और नहरों का जीर्णोद्धार. वर्षा जल संचयन. बारिश के पानी को स्टोर करके भूजल रिचार्ज करने पर काम करना. जल स्रोतों का पुनरुद्धार. नदियों, झीलों और पोखरों को पुनर्जीवित करना. ग्रामीणों को जल की बचत के लिए प्रेरित करना. जिले में जल शक्ति अभियान के तहत करीब 14 चेक डैम निर्माण किये गये है. मनरेगा योजना के माध्यम से नदियों और नालों पर कई छोटे बाँध बनाकर जल संचयन.गाँवों में पुराने तालाबों को दोबारा उपयोगी बनाने पर बल दिया जा रहा है. नए जलाशयों का निर्माण और पुरानों का विस्तार किया जा रहा है. जल शक्ति अभियान के तहत सबसे अधिक मनरेगा योजना से 4108, पीआरडी से 1797 योजना और अन्य विभाग से 32 जल संयय के लिए योजनाएं पर काम किये गये है. प्रखंडस्तर पर बात करें तो अब तक जल शक्ति अभियान के तहत सबसे अधिक हिलसा में 504 और सबसे कम राजगीर में महज 85 योजनाओं पर काम हुए हैं. जिला ग्रामीण अभिकरण के डीपीओ प्रणव कुमार ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से जल संचय पर काम किया जा रहा है. इससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा. भूजल स्तर में सुधार होगा. पेयजल की कमी से निजात मिलेगी. जल्द ही ग्राम पंचायत को जल शक्ति अभियान से जोड़ा जायेगा. यह अभियान मनरेगा और अन्य योजनाओं के मिलाकर चलाया जा रहा है. प्रखंडस्तर पर जल शक्ति अभियान का काम-
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