बिहारशरीफ. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार द्वारा राज्यभर में आयोजित किए जा रहे राजस्व महा-अभियान के सफल संचालन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गया है. इसी क्रम में हरदेव भवन सभागार में अपर समाहर्ता मनीष वर्मा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मी मौजूद थे. यह विशेष अभियान जिले के सभी अंचलों में 16 अगस्त से 20 सितम्बर, 2025 तक चलेगा. इसके तहत माइक्रो प्लान के अनुसार गांव-गांव जाकर लोगों की भूमि संबंधी समस्याओं का समाधान किया जायेगा. अभियान का उद्देश्य भूमि अभिलेखों की अशुद्धियों को सुधारना और जनसाधारण को त्वरित राजस्व सेवाएं उपलब्ध कराना है. अभियान के मुख्य उद्देश्य और समाधान योग्य समस्याए, ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि सुधार, नाम, खाता, खेसरा, रकबा या लगान संबंधी गलतियों को ठीक कराया जा सकता है. रैयत की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर जमाबंदी कराना, बंटवारा नामांतरण, संयुक्त जमाबंदी के बंटवारे के आधार पर हिस्सेदारों के नाम पर अलग-अलग जमाबंदी करना. छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन कराना. अभी तक ऑनलाइन नहीं हुई जमाबंदियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना. अभियान तीन चरणों में चलेगा. अभियान पूर्व तैयारी (18 जुलाई – 14 अगस्त). जमाबंदी पंजी का प्रिंट और वितरण एवं पंचायत स्तर पर दल का गठन. मीडिया प्रचार और ट्रेनिंग. जिला, अनुमंडल और अंचल स्तर पर पर्यवेक्षण टीमों का गठन किया जायेगा. दूसरे चरण के अभियान क्रियान्वयन (16 अगस्त – 20 सितंबर) तक चलेगा, जिसमें घर-घर जाकर प्रपत्र और पैम्फलेट का वितरण जायेगा. पंचायत भवनों में कैंप लगाकर आवेदन जमा करना. सर्वेक्षण अमीनों द्वारा ऑन-द-स्पॉट डाटा एंट्री किया जायेगा. प्रतिदिन प्रगति की ऑनलाइन रिपोर्टिंग. तीसरा और अंतिम चरण में अनुवर्ती कार्य (21 सितम्बर – 30 अक्तूबर) तक सभी प्राप्त आवेदनों का निष्पादन किया जाना है. जिसमें लंबित मामलों की समीक्षा और समाधान. जमाबंदी पंजी में दी गई गलत जानकारी को सुधारने के लिए संबंधित प्रपत्र भरें. प्रमाण-पत्र और दस्तावेजों के साथ उसे कैंप में जमा करें. उत्तराधिकार या बंटवारा के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र, वंशावली व अन्य दस्तावेज़ दें. छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन कराने के लिए भी दस्तावेज़ दें. सभी आवेदन परिमार्जन प्लस पोर्टल और ई-म्यूटेशन पोर्टल के माध्यम से प्रोसेस किए जायेंगे. अपर समाहर्ता मनीष वर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान को जन-हितकारी, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाये, ताकि हर रैयत को न्याय मिल सके और जिले में भूमि अभिलेखों की व्यवस्था दुरुस्त हो सके. बताया जा रहा है कि जिले में करीब 50 प्रतिशत जमाबंदियों में अब भी पूर्वजों के नाम दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु वर्षों पहले हो चुकी है. इससे जमीन का सही स्वामित्व तय नहीं हो पा रहा है और विवाद की स्थिति बनी रहती है. इस अभियान से ऐसी जमाबंदियों में सुधार कर स्वामित्व स्पष्ट किया जायेगा. सरकार का लक्ष्य इस महाअभियान के जरिये सभी रिकॉर्ड को डिजिटल और त्रुटिरहित बनाना है. साथ ही अब तक छूटी हुई जमाबंदियों को भी ऑनलाइन अपलोड किया जायेगा.
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