बिहारशरीफ. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना की बड़ी सफलता पर जिलेभर में खुशी का माहौल बना है. भारतीय सेना के जाबांज जवानों को जिलावासी सैल्यूट कर रहे हैं. देशभक्ति के नारे लगाये जा रहे हैं और चहुंओर तिरंगे को लहराया जा रहा है. बिहारशरीफ शहर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जहां विजय जुलूस निकाला, वहीं जिले के राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षाविदों एवं बुद्धिजीवियों समेत आम लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता पर पूरा देश गौरवान्वित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह कर दिखाया है जो देशवासियों की उम्मीदें थे. इसके लिए भारतीय सेना की जितनी भी प्रशंसा की जाय, वह कम होगी. उमाकांत गुप्ता, व्यवसायी ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की रणनीतिक दक्षता और अदम्य साहस का प्रतीक है. यह अभियान उन तमाम नागरिकों के लिए एक आश्वासन है, जो वर्षों से आतंकवाद और सीमा पार से हो रही गतिविधियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे थे. शंशिकांत गुप्ता, व्यवसायी ऑपरेशन सिंदूर अभियान से यह सशक्त संदेश गया है कि भारत अब आतंकवाद या किसी भी प्रकार के छद्म युद्ध को बर्दाश्त नहीं करेगा. यह भारतीय सेना की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई का प्रमाण है, जो भविष्य में आतंकवाद के विरुद्ध देश की नीति को और अधिक प्रभावी बनायेगा. दिलीप कुमार, कांग्रेस नेता भारतीय सेना ने करारा जवाब देते हुए आतंकियों की ठिकानों का विनाश कर दिया है. यह भारत और भारतीय का पराक्रम दिखाया है जो पूरे देश के लिए यह गर्व की बात है. सुभाष कुमार, व्यवसायी भारतीय सेना द्वारा एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान स्थित अनेकों आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर पहलगाम हमले का बदला लिया गया है. इससे पूरा भारत और यहां के तमाम निवासियों को गर्व है. सेना के इस जज्बे को हमलोग सलाम करते हैं. डाॅ सजीत कुमार, शिक्षाविद सेना ने एक बार फिर अपने रण कौशल और अद्मय साहस से आतंकियों के शिविरों को ध्वस्त कर दिया है. इससे पूरे भारतवासी गर्व महसूस कर रहे है. इं राजीव रंजन, शिक्षाविद यह ऑपरेशन महिला सशक्तीकरण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक साहसिक कदम है. इससे न केवल महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि समाज में सुरक्षा और समानता का संदेश भी जायेगा. जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा राष्ट्र प्रगति करता है. ऐसे अभियानों की निरंतरता जरूरी है ताकि हर बेटी खुद को सुरक्षित और समर्थ महसूस कर सके. अनिता कुमारी, शिक्षाविद
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