बिहारशरीफ. वर्ष 2013 के एक जानलेवा हमले मामले में गवाही न देने के कारण न्यायालय ने तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी (आईओ) दारोगा प्रेमलाल यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही, जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया गया है. 23 मई 2013 को नूरसराय थाना क्षेत्र के हेगनपुरा निवासी सिकंदर कुमार ने सात आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले का मामला दर्ज कराया था. उस समय दरोगा प्रेमलाल यादव मामले के अनुसंधान अधिकारी थे. मामले में अन्य सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है, लेकिन आईओ की गवाही नहीं ली जा सकी, जिससे केस लंबित है. स्थानीय व्यवहार न्यायालय के एडीजे-11 मनीष कुमार ने शुक्रवार को यह आदेश पारित किया. इससे पहले भी कोर्ट ने सम्मन और जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन 6 साल बाद भी दरोगा न्यायालय में पेश नहीं हुए. अब गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए एसपी को गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 3 जून 2025 को होगी. यह मामला एक जानलेवा हमले से जुड़ा है, जिसमें आईओ की गवाही महत्वपूर्ण है. लंबित गवाही के कारण न्याय में देरी हो रही है, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि 6 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई़ यह मामला पुलिस और न्याय प्रणाली में जवाबदेही का सवाल खड़ा करता है। कोर्ट के कड़े आदेश के बाद अब देखना होगा कि क्या पुलिस तत्काल कार्रवाई करती है या नहीं
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