बिहारशरीफ. आगामी पर्व-त्योहार और विधानसभा चुनाव को देखते हुए शराबबंदी कानून के सख्त अनुपालन के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत बिहार थाना पुलिस ने मंगलवार की सुबह बड़ी सफलता हासिल की. पुलिस ने नकटपुरा पंचायत के मुखिया रामप्रवेश मिस्त्री समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित बीयर की खेप बरामद की. बरामद शराब को कचरा प्रबंधन भवन के गोदाम और वाहन में छिपाकर रखा गया था. सदर डीएसपी नुरुल हक ने प्रेस वार्ता में बताया कि नियमित वाहन जांच के दौरान पुलिस को एक मारुति वैन से 53 कार्टन बीयर मिली़ वाहन में शराब की इतनी बड़ी मात्रा मिलने के बाद पुलिस ने वाहन सवार से पूछताछ की. उनकी निशानदेही पर उपरांवां गांव स्थित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई भवन में छापा मारा गया. तलाशी के दौरान वहां से 60 कार्टन और 15 बोतल अतिरिक्त बीयर बरामद की गयी. डीएसपी ने बताया कि यह शराब की खेप पूरी तरह से छिपाकर रखी गयी थी, ताकि पुलिस की निगाह से बचा जा सके. कचरा प्रबंधन भवन का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जाना गंभीर मामला है. इस मामले में मुखिया रामप्रवेश मिस्त्री के साथ-साथ उसके तीन सहयोगी रूपेश यादव उर्फ चुहा, कस्तूरी यादव और तुलसी यादव को गिरफ्तार कर थाना लाया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार बरामद बीयर की कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है. प्राथमिक जांच में यह बात सामने आयी है कि आगामी त्योहार और चुनाव के दौरान इस खेप को खपाने की तैयारी की जा रही थी. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धंधे में और कौन-कौन लोग शामिल हैं तथा बीयर की यह खेप कहां से मंगायी गयी थी. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के मुखिया जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह के गैरकानूनी कारोबार में शामिल होना बेहद शर्मनाक है. सरकार की शराबबंदी नीति को चकमा देने और प्रशासन को गुमराह करने की यह बड़ी कोशिश मानी जा रही है. डीएसपी नुरुल हक ने स्पष्ट किया कि शराबबंदी कानून के उल्लंघन पर किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि पर्व-त्योहार और चुनाव को देखते हुए जिलेभर में लगातार विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए है. गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, इसके बावजूद चुनावी और त्योहार के मौसम में शराब तस्करी और खपत बढ़ने की कोशिशें होती रहती हैं. प्रशासन की इस कार्रवाई से न केवल तस्करों में हड़कंप मच गया है, बल्कि आम लोगों के बीच यह संदेश भी गया है कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है.
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