बिहारशरीफ. ठेले पर शव को ले जाने की हृदयविदारक घटना ने जिले के प्रशासनिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया. इस घटनाक्रम के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गहराई से जांच शुरू की. मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी काजले वैभव नितिन और सहायक समाहर्ता कृष्णा जोशी के नेतृत्व में जांच दल ने डीएम शशांक शुभंकर के आदेश पर मॉडल अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अस्पताल में शव वाहन की स्थिति, उसकी उपलब्धता और इस्तेमाल पर जानकारी प्राप्त की. इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि सदर अस्पताल में कुल दो शव वाहन उपलब्ध हैं. हालांकि, इन वाहनों में से एक शव वाहन बिना अस्पताल प्रशासन की पूर्व स्वीकृति के, एंबुलेंस कंट्रोल यूनिट (एसीयू) द्वारा किसी अन्य जिले में भेज दिया गया था. इस कारण शव वाहन की अनुपलब्धता के कारण वह घटना घटित हुई, जिसमें शव को ठेले पर ले जाया गया. अधिकारियों ने एसीयू के कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया, लेकिन जब उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. एसडीओ काजले वैभव नितिन और सहायक समाहर्ता कृष्णा जोशी ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. छज्जू मोहल्ला से न्यायालय के वारंटी को पुलिस ने किया गिरफ्तार बिहारशरीफ. बिहार थाना पुलिस ने मंगलवार को छज्जू मोहल्ला से न्यायालय के वारंटी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान मंजूर आलम के पुत्र मोहम्मद जहांगीर उर्फ वोदा के रूप में की गयी है, जो पूर्व में मारपीट के एक मामले में न्यायालय से जमानत लेने के बाद लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हो रहा था. इस संबंध में बिहार थानाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय द्वारा बार-बार समन जारी किए जाने के बावजूद अभियुक्त हाजिर नहीं हो रहा था. अंततः न्यायालय ने उसके विरुद्ध वारंट जारी किया था. उसी वारंट के आधार पर पुलिस ने छज्जू मोहल्ला में छापेमारी कर मोहम्मद जहांगीर उर्फ वोदा को गिरफ्तार कर लिया.
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