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बंदियों की नियमित जांच को लेकर चिकित्सकों की टीम गठित

अब बंदियों को अपनी बीमारी की इलाज को लेकर कहीं भटकना नहीं पड़ेगा. स्वास्थ्य व्यवस्था में गुणात्तमक सुधार को लेकर जेल प्रशासन की रणनीति काम आयी है.

बिहारशरीफ.

अब बंदियों को अपनी बीमारी की इलाज को लेकर कहीं भटकना नहीं पड़ेगा. स्वास्थ्य व्यवस्था में गुणात्तमक सुधार को लेकर जेल प्रशासन की रणनीति काम आयी है. बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न विशेषज्ञों के चिकित्सकों की टीम गठित कर दी गयी है. टीम में ईएनटी विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन व सर्जन के चिकित्सक शामिल हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पांच मार्च को जेल अधीक्षक द्वारा बिहारशरीफ मंडलकारा में बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के संबंध में एक पत्र प्राप्त हुआ था. पत्र के आलोक में एक मेडिकल टीम का गठन कर मंडलकारा बिहारशरीफ में एक कैंप लगाकर बंदियों की जांच पूरी कर ली गयी है. सीएस ने बताया कि अब किसी भी परिस्थिति में कारा के बंदियों को स्वास्थ्य जांच को लेकर कहीं भेजने की आवश्यकता नहीं है. इसके लिए चार सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन कर दिया गया है. चिकित्सकों की टीम में दो महिला व दो पुरुष चिकित्सक को शमिल किया गया है. बताया जाता है बिहारशरीफ मंडलकारा में करीब 1075 बंदी मौजूद हैं. जेल प्रशासन की ओर से बंदियों के स्वास्थ्य जांच से संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट गठित मेडिकल टीम द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. संबंधित जांच रिपोर्ट की जानकारी जेल प्रशासन भी अपने पास सुरक्षित रखता है.

एचआइवी व सिफलिस की शत-प्रतिशत जांच को लेकर टीम गठित : बिहारशरीफ मंडलकारा व हिलसा उपकारा में एचआइवी एवं सिफलिस की शत-प्रतिशत जांच की मुहिम तेज कर दी गयी है. इसके लिए सात से बारह मार्च तक विशेष मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया है. बिहारशरीफ मंडलकारा व हिलसा उपकारा में एचआईवी एवं सिफलिस की शत प्रतिशत जांच को लेकर आठ विशेष विशेषज्ञों की टीम बनायी गयी है. टीम के सदस्यों को एचआईवी एवं सिफलिस की जांच की प्रक्रिया तय समय सीमा के अंदर पूरी कर इससे संबंधित एक सत्यापित जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया है. नालंदा के सिविल सर्जन के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में यह बताया गया है कि परियोजना निदेशक राज्य एड्स नियंत्रण समिति के आलोक में जिले के सभी काराओं एवं विशेष गृहों में एचआइवी एव सिफलिस की जांच संबंधित विशेषज्ञों की टीम तैयार कर तय समयसीमा के अंदर पूरी करनी है. प्रभारी सह प्रभारी पर्यवेक्षक रीता ने बताया कि मंगलवार तक बिहारशरीफ मंडलकारा में मंगलवार तक करीब 870 बंदियों का एचआईवी व सिफलिस की जांच पूरी कर दी गयी,शेष बचे बंदियों की जांच बुधवार तक पूरी कर ली जायेगी. इसी तरह हिलसा उपकारा में मंगलवार तक 195 बंदियों की जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. बताया जाता है कि बिहारशरीफ मंडलकारा में करीब 1075 बंदी मौजूद हैं. मेडिकल टीम में शामिल चिकित्सकों ने बताया कि सिफलिस एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो ज्यादातर यौन क्रियाकलापों के जरिये फैलती है. समय पर इलाज नहीं होने से शरीर में बड़ी परेशानियां सामने आने लगती है.

एचआइवी व सिफलिश की जांच को लेकर गठित टीम में शामिल कर्मियों की सूचीकर्मी का नाम पदनाम1. रीता परामर्शी सह प्रभारी पर्यवेक्षक

2.प्रभाकर कुमार परामर्शी एसटीडी, बिहारशरीफ3.दपर्ण कुमार प्रो.प्रावैधक एआरटी, बिहारशरीफ4.मनीष कुमार प्रो.प्रावैधिक,एआरटी,बिहारशरीफ5.राजीव रंजन प्रो.प्रावैधिक,आसीटीसी, हिलसा6.रंजन कुमार एसटीएलसी,टीबी सेंटर,बिहारशरीफ7.बजरंगबली सिंह एसटीएलसी,टीबी सेंटर, हिलसा8.रजनीश कुमार कॉ-ऑडिनेटरक्या कहते हैं सीएसजांच शिविर के माध्यम से बंदियों में पनपने वाले बीमारियों का पता चल जाता है. जिससे उनका इलाज और सुगम हो जाता है. कारा अधीक्षक से प्राप्त पत्र के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इसकी विशेष तैयारी की. जांच के दौरान फार्मासिस्ट सह भंडारपाल को निर्देश दिये गये हैं कि मेडिकल टीम को आवश्यक दवा एवं उपकरण उपलब्ध कराएं.

डाॅ जितेंद्र कुमार सिंह, सिविल सर्जन, नालंदा

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