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औंगारी तालाब के घाटों पर कचड़े का अंबार

लोक आस्था का महान चैती छठ महापर्व का 10 दिन से अधिक गुजर जाने के बाबजूद भी ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्यनगरी औंगारी धाम सूर्यमंदिर तालाब के सभी घाटो व भिंड पर कूड़े-कचरे का ढेर पड़ा हुआ है.

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एकंगरसराय. लोक आस्था का महान चैती छठ महापर्व का 10 दिन से अधिक गुजर जाने के बाबजूद भी ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्यनगरी औंगारी धाम सूर्यमंदिर तालाब के सभी घाटो व भिंड पर कूड़े-कचरे का ढेर पड़ा हुआ है.जिससे भक्त श्रद्धालुओं में प्रशासन,एवं मेला ठिकेदार के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है. तालाब घाटो व भिंड पर कूड़े-कचड़े पड़े रहने से भक्त श्रद्धालुओं को तालाब में स्नान करने एवं भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. कूड़े-कचड़े से निकल रही दुर्गंध व गंदगी से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं. भक्त श्रद्धालुओं का कहना है, कि ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्यनगरी औंगारी धाम में लगने वाली कार्तिक व चैती छठ मेले का बिहार सरकार द्वारा कई वर्ष पूर्व राजकीय मेले का दर्जा दिया गया है. चैती व कार्तिक छठ मेले,औंगारी धाम परिसर में शादी विवाह एवं रविवार को लगने वाले मेला को सरकार द्वारा प्रति वर्ष लाखो रुपये में बन्दोबस्ती किया जाता हैं. औंगारी धाम से सरकार को प्रतिवर्ष 3 से 4 लाख रुपये तक बन्दोबस्ती कर राजस्व की वसूली होती है. लेकिन छठ मेला खत्म होने के बाद मेला परिसर एवं तालाब घाटो व भिंड पर लगे कूड़े-कचड़े की साफ सफाई न तो प्रशासन की ओर से कराई गई है, और न ही ठेकेदार से,तालाब घाटो व भिंड पर कूड़े-कचड़े की ढेर पड़े रहने से तालाब की महता, पवित्रता और स्वच्छता भी भंग हो रही है.सरकार स्वच्छता अभियान कार्यक्रम चलाकर प्रति वर्ष लाखों, करोड़ो रूपये खर्च कर रही है,लेकिन औंगारी धाम में अधिकारियों की निष्क्रियता से स्वच्छता अभियान पूरी तरह विफल साबित हो रही है.जनता सरकार व वरीय अधिकारियों से सवाल पूछ रही है, कि ये जो इतने दिनों से पड़े हुए कूड़े- कचड़े का जिम्मेवार कौन हैं. ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्यनगरी औंगारी धाम में स्थित सूर्यमंदिर व तालाब की पौराणिक कथाएं हैं.छठ व्रत की पवित्रता स्वच्छता तथा आस्था अपरंपार हैं. औंगारी धाम में छठ व्रत करने के लिए राज्य समेत कई अन्य पड़ोसी राज्यों से लोग पहुँचते हैं. और भगवान भास्कर की पूजा अर्चना कर मनोवांछित फल की प्राप्ति करते हैं.

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