Bihar News: बिहार में ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कों की निगरानी अब सिर्फ विभागीय अफसरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम नागरिक भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे.
ग्रामीण कार्य विभाग ने QR कोड आधारित फीडबैक प्रणाली लागू करने का निर्देश जारी किया है, जिससे सड़क की स्थिति पर जनता सीधे नजर रख सकेगी.
सड़क किनारे लगेगा QR कोड
ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव निर्मल कुमार के निर्देश के बाद पीएमजीएसवाई के तहत बनी हर ग्रामीण सड़क के लिए अलग-अलग क्यूआर कोड जेनरेट किया जाएगा. यह क्यूआर कोड सड़क किनारे लगे रखरखाव सूचना बोर्ड पर लगाया जाएगा. बोर्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में निर्देश भी लिखे होंगे, ताकि कोई भी नागरिक आसानी से इसका उपयोग कर सके. मोबाइल फोन से QR कोड स्कैन करते ही सड़क से जुड़ी पूरी जानकारी स्क्रीन पर उपलब्ध होगी.
इस नई व्यवस्था के तहत आम नागरिक सड़क पर मौजूद गड्ढों, टूटी साइडवाल या अन्य खराबियों की तस्वीरें खींचकर फीडबैक विंडो में अपलोड कर सकेंगे. ये तस्वीरें सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचेंगी. इंजीनियरिंग स्टाफ सड़क के रखरखाव का मूल्यांकन करते समय इन वास्तविक तस्वीरों की समीक्षा करेगा, जिससे जमीनी हालात को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा.
AI और मशीन लर्निंग से होगा फीडबैक का विश्लेषण
नागरिकों द्वारा भेजी गई तस्वीरों और फीडबैक का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक से किया जाएगा. इससे यह तय किया जाएगा कि सड़क की स्थिति कितनी गंभीर है और किस स्तर पर मरम्मत की जरूरत है. इस तकनीकी प्रक्रिया से समस्याओं के समाधान में तेजी आने की उम्मीद है.
क्यूआर कोड आधारित यह पूरी व्यवस्था ई-मार्ग (MARG) पोर्टल से जुड़ी होगी. पीएम ग्राम सड़क योजना में बनी हर सड़क का डेटा इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा. नागरिकों की भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़कें निर्माण के बाद पांच साल तक नियमित रूप से अच्छी हालत में बनी रहें.
पारदर्शिता और जवाबदेही की नई पहल
ग्रामीण कार्य विभाग का मानना है कि इस प्रणाली से सड़क रखरखाव की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और विश्वसनीय बनेगी. आम नागरिक सीधे निगरानी में शामिल होंगे, जिससे विभागीय स्तर पर जवाबदेही बढ़ेगी और ग्रामीण इलाकों में सड़कों की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रह सकेगी.

