KK Pathak: भोजपुर जिले में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक के संज्ञान लेने के बाद प्रशासन ने सक्रियता दिखाई है. हाल ही में जिला मुख्यालय पहुंचे केके पाठक ने जिलाधिकारी को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे, साथ ही उन्होंने दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश भी दिया था. इसके बाद प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई थी. केके पाठक के आदेश के कुछ दिनों बाद ही प्रशासन ने कदम उठाते हुए एडीएम ने अपने न्यायालय में इस मामले को स्वीकृत कर लिया है.
अधिकारी और कर्मचारी पर होगी कार्रवाई
फर्जी जमाबंदी किए गए 228 व्यक्तियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है. इनसे संबंधित जमीन के वैध कागजात मांगे जाएंगे और यदि कागजात सही नहीं पाए गए तो संबंधित जमाबंदी रद्द कर दी जाएगी और अतिक्रमण हटाया जाएगा. इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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कैसे हुआ खुलासा
भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड स्थित सिन्हा मौजा में लगभग 349 एकड़ सरकारी भूमि की फर्जी जमाबंदी का मामला 1975-76 से जुड़ा हुआ है, जब अवैध तरीके से 228 व्यक्तियों के नाम पर सरकारी भूमि की जमाबंदी की गई थी. इस वर्ष जनवरी में हुई बैठक के दौरान तत्कालीन अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी के समक्ष अजय कुमार सिंह बनाम बबन सिंह के बीच का परिवाद सामने आया, जिसमें सिन्हा पंचायत के खाता संख्या 1485 और 1486 से जुड़ा मामला था, जो सरकारी भूमि थी.
जांच में पता चला कि पूरा मामला 349 एकड़ से ज्यादा भूमि से जुड़ा है. इसके बाद तत्कालीन सीओ ने जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा एडीएम से की थी. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एडीएम ने अपने न्यायालय में इस मामले को स्वीकृत कर लिया है. इसके बाद, फर्जी जमाबंदी किए गए 228 व्यक्तियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है. इस मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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