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आठ को महा निशा व नौ अक्तूबर को की जायेगी महा अष्टमी पूजा
आरा. अनाईठ स्थित मंदिर सेवा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि महा अष्टमी नौ अक्तूबर एवं महानिशा पूजा आठ अक्तूबर को मनायी जायेगी. बैठक की अध्यक्षता पंडित दीनानाथ उपाध्याय ने की. इस अवसर पर जीतनाथ बाबा, भुटाली बाबा, चिंताहरण मिश्र, बबुआ जी, शशिभूषण जी, मंजू ओझा, राजेंद्र शर्मा, प्रशांत, बिट्टू तथा रामेश्वर मिश्र […]
आरा. अनाईठ स्थित मंदिर सेवा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि महा अष्टमी नौ अक्तूबर एवं महानिशा पूजा आठ अक्तूबर को मनायी जायेगी. बैठक की अध्यक्षता पंडित दीनानाथ उपाध्याय ने की. इस अवसर पर जीतनाथ बाबा, भुटाली बाबा, चिंताहरण मिश्र, बबुआ जी, शशिभूषण जी, मंजू ओझा, राजेंद्र शर्मा, प्रशांत, बिट्टू तथा रामेश्वर मिश्र आदि उपस्थित थे.
मां कात्यायनी की हुई पूजा-अर्चना : चरपोखरी. नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना भक्ति भाव से की गयी. शास्त्रों के अनुसार भगवती दुर्गा के इस रूप की पूजा करने से सुंदर रूप,धन,अर्थ,काम,मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस रूप में माता सिंह की सवारी करती हैं तथा हाथ में तलवार आदि अस्त्र-शस्त्र से संपन्न रहती हैं.
रात में उखड़ जाती थी रेल लाइन
ब्रिटीश काल में रेल लाइन बिछाने आयाअंगरेज अफसर चार्ली मेलन को भी मां महथिन के हैरतअंगेज किस्से सुनने को मिले. बताया जाता है कि चार्ली मेलन कुष्ठ रोग से ग्रसित था. वह इंजीनियरों के साथ महथिन मंदिर से होकर रेल लाइन बिछा रहा था. दिन में रेल लाइन बिछायी जाती, लेकिन वह रात में उखड़ी मिलती थी. इस घटना से इंजीनियरों का दल काफी परेशान था.
इसी दौरान चार्ली मेलन के सपने में मां महथिन आयीं और कहा कि तुम रेल लाइन बगल से होकर बिछाओ, तुम्हें कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल जायेगी. चार्ली मेलन ने ऐसा ही किया. बाद में उसे कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गयी. रेल लाइन बगल से होकर बिछाये जाने के कारण महथिन मंदिर के समीप रेलवे लाइन घुमावदार है, जो आज भी उस घटना की गवाही देती है.
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