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बिहार : भोजपुर जिले के 364 गांव बाढ़ की चपेट में, नदियों के उफान में नरमी

आरा : गंगा और सोन नदी का जल स्तर घटना शुरू हो गया. फिर भी जिले के 364 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहीं नहीं 337 गांव टापू बन गये हैं. इन गांवों में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्य का अभी भी अधिकतर परिवारों को लाभ नहीं मिल पाया है. […]

आरा : गंगा और सोन नदी का जल स्तर घटना शुरू हो गया. फिर भी जिले के 364 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहीं नहीं 337 गांव टापू बन गये हैं. इन गांवों में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्य का अभी भी अधिकतर परिवारों को लाभ नहीं मिल पाया है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों राहत कार्य को लेकर भी हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है. गुरुवार को भी तीन नयी पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया. इससे बाढ़ग्रस्त पंचायतों की संख्या में बढ़ कर 58 पहुंच गयी है. जबकि आंशिक प्रभावित पंचायतों की संख्या 18 है. बाढ़ से जिले की पांच लाख 47 हजार आबादी प्रभावित है. प्रशासन द्वारा फिलहाल 277 नावें चलायी जा रही हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 27 मार्गों पर पानी की रफ्तार कम हुई है. फिर भी पानी चढ़ा हुआ है.

राहत शिविरों में दिया जा रहा है भोजन

इन मार्गों पर वाहनों का धीमी गति से परिचालन होने लगा है. गुरुवार को सोन और गंगा नदी का जल स्तर घटना शुरू हो गया है. बड़हरा में गंगा नदी का जल स्तर 54.91 मीटर दर्ज किया गया, जबकि कोईलवर में सोन नद का जल स्तर 54.35 मीटर रिकॉर्ड हुआ. बुधवार को सोन का जल स्तर 55.03 मीटर पर पहुंच गया था. प्रशासन ने सहायता कैंप की संख्या बढ़ायी : बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सहायता कैंपों की संख्या में बढोतरी की है. 35 से बढ़ा कर अब 157 सहायता शिविर काम कर रहे है. इनमें 20 हजार 707 विस्थापित परिवारों को रखा गया है. जिन्हें पका-पकाया भोजन दिया जा रहा है.

40 हजार लोग बचाये गये

करीब 40 हजार लोगों को निकाला गया बाहर : एसडीआरएफ टीम और गोताखोरों तथा चलायी जा रही 277 नावों के माध्यम से अब तक करीब 40 हजार लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इस कार्य में सरकारी नाव 36 और निजी नाव 241 का सहयोग लिया जा रहा है. 68 स्वास्थ्य केंद्रों में 1829 मरीजों का हुआ इलाज : बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रशासन ने स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है. इन क्षेत्रों में फिलहाल 68 स्वास्थ्य केंद्र चालू किये गये हैं, जिनमें 1829 मरीजों का अब तक इलाज किया जा चुका है. वहीं 11 पशु केंद्रों में अब तक 247 पशुओं का इलाज किया गया.

गोपालगंज से मंगायी गयी नाव

गोपालगंज से 20 नावें मंगायी गयीं : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की आबादी के निष्कासन में हो रही परेशानी को लेकर प्रशासन ने गोपालगंज से 20 नावें मंगायी हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक पॉलीथिन शीट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. प्रशासन के पास पॉलीथिन शीट कम पड़ गयी हैं. नियंत्रण कक्ष ने कई लोगों की बचायी जान : जिला नियंत्रण कक्ष के बेहतर ढंग से संचालन होने के कारण बाढ़ के पानी में घिरे कई परिवारों की जान बचाने में मददगार साबित हुआ है. शाहपुर, बड़हरा और बिहिया प्रखंड के कई ऐसे परिवार थे, जो बाढ़ की चपेट में बुरी तरह से फंसे हुए थे. जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर पर संपर्क कर नाव की मांग की, जिस पर जिलाधिकारी ने फौरन नाव भेज कर उनकी जान बचायी.

बिहिया की स्थिति

बिहिया के 38 गांव प्रभावित : बिहिया प्रखंड की 10 पंचायतों के 38 गांव बाढ़ की चपेट में हैं.इनमें 6 पंचायतें पूर्ण रूप से,जबकि चार आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं. इस प्रखंड की 51 हजार आबादी बाढ़ से घिरी है. प्रशासन द्वारा फिलहाल तीन नावों का परिचालन किया जा रहा है. बड़हरा की एक लाख 80 हजार की आबादी बाढ़ से घिरी : बड़हरा प्रखंड की 21 पंचायतों में 15 पंचायतें पूर्ण और छह पंचायतें आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. एक लाख 80 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में है. 110 गांव बाढ़ के पानी में चारों तरफ से घिरे हुए हैं. इस प्रखंड में 6750 लोग विस्थापित हुए हैं. वहीं 10 हजार 500 आबादी का निष्क्रमण कराया गया है. प्रखंड में 18 सहायता कैंप चलाये जा रहे हैं.

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