आरा/सरैंया : बड़हरा प्रखंड के सिन्हा ओपी क्षेत्र के महुलीघाट पर लगभग 28 घंटे के बाद भी पीपापुल से गंगा नदी में कूदे डॉक्टर का पता नहीं चला है. एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के संयुक्त दो टीमों ने सोमवार के दिन सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक लगभग आठ घंटे तक कड़ी मशकत कर गंगा में डॉक्टर को खोजने का प्रयास की. टीम के सदस्यों को जिला प्रशासन द्वारा रोक कर रखा गया है.
मंगलवार को इस टीम के सदस्यों द्वारा फिर से गंगा नदी में डूबे डॉक्टर की तलाश की जायेगी. अंचलाधिकारी आलोक दिव्या ने बताया कि डॉक्टर के नहीं मिलने के कारण परिजन काफी निराश एवं चिंता में हैं. बता दें कि 15 दिसंबर रविवार की दोपहर लगभग दो बजे आरा नगर थाना क्षेत्र के मीरगंज मुहल्ला निवासी डॉ संजीत केसरी ने गंगा नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी करने की प्रयास की थी.
संजीत मिरगंज पानी टंकी के समीप क्लिनिक में चलाते थे. घटना के दिन जिला प्रशासन से नाराज परिजनों ने पीपा पुल पर आवागमन को बाधित कर बवाल भी किया था. हालांकि जिला प्रशासन ने अगले दिन डॉक्टर संजीत को खोजने के लिए एसडीएआएफ एवं एनडीआरएफ की दो टिमें घटनास्थल पर भेजी. टीम ने खोज पीपा पुल से लेकर विंदगांवा गंगा नदी एवं सोन नद के संगम तक तक शाम के लगभग पांच बजे तक लगातार खोज बीन की, मगर डॉक्टर का पता नहीं चल सका.
अंत में निराश होकर दोनों टीमों को गंगा नदी से बाहर निकलना पड़ा. घटनास्थल पर खवासपुर ओपी पुलिस बल, सिन्हा ओपी पुलिस बल, अंचलाधिकारी आलोक दिव्या सहित बड़ी संख्या में परिजन भी दिन भर डटे रहे. मगर शव नहीं मिलने से सब लोग बेहद निराश थे. इस घटना को लेकर स्थानीय थाने में किसी प्रकार का मामला भी अभी तक दर्ज करने की बात सामने नहीं आयी है.
गंगा नदी में छलांग लगानेवाले डॉक्टर ने जारी किया था वीडियो : रविवार को महुली गंगा घाट स्थित पीपा पुल से कूदकर अपनी जिंदगी को खत्म करनेवाले डॉक्टर संजीत ने पहले बेहद दर्द भरे वीडियो बनाकर अपने परिवार, रिश्तेदार एवं दोस्तों के पास व्हाट्सएप्प से शेयर कर दिया था.
वीडियो में बिलखते हुए चिकित्सक ने कहा है कि वह पिछले एक माह से अवसाद का शिकार बन नींद की गोलियां खाकर सोने को मजबूर था, जिसका कारण एक महिला व उसकी पुत्री को बताया है. उसने बताया कि वह बेसहारों को मदद करने की प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिसका फायदा उठाकर एक महिला व उसकी पुत्री को पिछले पंद्रह वर्षों से मदद करते आ रहा था.
गैर महिला को भाभी कहता व पुत्री को बेटी समान मानता था, मगर मदद पानेवाली महिला ने ही उस पर इस कदर गंभीर आरोप लगाकर उसे बदनाम भी खूब किया, जिसके चलते संजीत ने अवसाद व जर्जर माली हालत में पहुंचने की बात का दर्द अपने वायरल वीडियो में बताया है. संभवतः इसी दर्द ने संजीत को गंगा में डूब जाने का कायराना हिम्मत दी थी.
