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अब घर के बाहर लगेंगे मीटर
आरा : जिले में बिजली चोरी के कारण हो रहे राजस्व की क्षति को लेकर विभाग में उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाने का निर्णय लिया है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी ने बिजली चोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मीटर बाहर लगाने का फैसला किया है. कंपनी को जिले में प्रतिमाह करोड़ों […]
आरा : जिले में बिजली चोरी के कारण हो रहे राजस्व की क्षति को लेकर विभाग में उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाने का निर्णय लिया है. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी ने बिजली चोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मीटर बाहर लगाने का फैसला किया है. कंपनी को जिले में प्रतिमाह करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति हो रही है.
बिजली चोरी की घटनाएं जिला सहित नगर में आम हो गयी है. हालांकि बिजली चोरी को लेकर विभाग द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है तथा बिजली चोरी करनेवालों के विरुद्ध जुर्माना सहित प्राथमिकी भी दर्ज करायी जाती है. इसके बावजूद बिजली चोरी धड़ल्ले से हो रही है.
घर के बाहर लगेगा बिजली का मीटर
कंपनी द्वारा बिजली चोरी रोकने के लिए तथा राजस्व में क्षति को रोकने के लिए कंपनी ने उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाने का निर्णय लिया है. इसकी शुरुआत आरा से की जायेगी. घर के बाहर मीटर लगाने से पारदर्शिता बनी रहेगी तथा मीटर में छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहेगी. वहीं दूसरे तरीके से भी बिजली की चोरी करने में कठिनाई होगी. इसके लिए उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च नहीं देना पड़ेगा. जर्जर केबल हो जाने पर उपभोक्ता को नया केबल मीटर के लिए रखना पड़ेगा.
छह माह में पूरा होगा काम
उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाने का काम आगामी छह माह में पूरा कर लिया जायेगा. सभी शहरों तथा जिन गांवों में बिजली की व्यवस्था है. उन गांवों में तथा शहरों में इस काम को पूरा किया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
घाटे को देखते हुए कंपनी ने उपभोक्ताओं के घर के बाहर मीटर लगाने का निर्णय लिया है, ताकि बिजली की चोरी को रोका जा सके. उपभोक्ताओं को बिजली सुचारु रूप से मिलने के लिए इस काम में सहयोग करना चाहिए.
फाइल फोटो, संजय कुमार बरियो, विद्युत कार्यपालक अभियंता
प्रतिमाह लग रहा है 11 करोड़ का घाटा
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के राजस्व के मामले में प्रतिमाह 11 करोड़ रुपये का घाटा लग रहा है. उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल नहीं जमा करने से परेशान कंपनी ने राजस्व में घाटा समाप्त करने को लेकर कई तरह के उपाय करने का निर्णय लिया है. 21 करोड़ की बिजली उपभोक्ताओं को प्रतिमाह कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाती है. जबकि बिजली बिल के रूप में राजस्व महज 10 करोड़ रुपये ही आता है. उपभोक्ताओं द्वारा बिल जमा करने में उदासीनता के परिणामरूवरूप यह स्थिति पैदा हो रही है.
प्रतिमाह 6 करोड़ 36 लाख यूनिट की है खपत
जिले में बिजली की खपत प्रतिमाह 6 करोड़ 36 लाख यूनिट की है, जो नगर सहित गांवों के उपभोक्ताओं को दी जाती है. इतनी बिजली खपत के बाद भी उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने में परेशानी हो रही है. उपभोक्ताओं को इस रवैये से विभाग की आर्थिक स्थिति खराब होते जा रही है.
करोड़ों की हो रही क्षति
जिले में बिजली चोरी के कारण साउथ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को प्रतिमाह 11 करोड़ के राजस्व की क्षति हो रही है. इससे बिजली कंपनी की आर्थिक स्थिति दयनीय हो रही है. इसे लेकर कंपनी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.तथा अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं.
शहरी क्षेत्र में हैं 47 हजार उपभोक्ता
शहरी क्षेत्र में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 47 हजार उपभोक्ता हैं. जिन्हें विभाग द्वारा अधिकृत रूप से बिजली आपूर्ति की जाती है, पर काफी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो चोरी से बिजली का उपयोग करते हैं.
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