दीपक राव, भागलपुर
भागलपुर सिल्क सिटी के आधार बुनकर हैं. जब तक बुनकरों के जीवनस्तर में सुधार नहीं होगा, तब तक सिल्क सिटी का आधार मजबूत नहीं हो सकता और न ही विकास. बुनकरों के लिए खुशखबरी है कि उनके विशेष स्वास्थ्य सुविधा के लिए अस्पताल का निर्माण लंबे संघर्ष के बाद शुरू हो गया. इससे बुनकरों के बीच फैल रही कान, आंख, सांस आदि की बीमारी का इलाज आसानी से हो सकेगा.
बुनकर प्रतिनिधि हसनैन अंसारी उठाते रहे आवाज
बुनकर प्रतिनिधि मो हसनैन अंसारी ने बताया कि 2011 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बुनकरों के लिए अस्पताल की मांग की गयी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन मुख्य सचिव व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया था. 2011 में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बुनकर बहुल क्षेत्र में छह बेड वाला अस्पताल खोलने की घोषणा की थी. एनयूएचएम के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नये भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारी ने राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को पत्र लिखकर जमीन उपलब्ध होने की जानकारी पांच साल पहले दी थी. इसको लेकर प्रक्रिया शुरू हो गयी थी और छह बेड के अस्पताल का प्रस्ताव तैयार किया गया था. फिर शहरी पीएचसी खोलकर अस्पताल को ठंडे बस्ते डाल दिया गया.
बिषहरी स्थान, दोना गाछ, चंपानगर में 2200 वर्गफीट क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ. बुनकर प्रतिनिधि मो सिकंदर आजम ने बताया कि आठ साल पहले खुला शहरी पीएचसी वृद्धाश्रम में चल रहा था. वहां से हटने के बाद एक निजी भवन में शिफ्ट कर दिया गया, लगातार प्रयास और जमीन चिह्नित कराने में मदद करने पर अस्पताल निर्माण का रास्ता साफ हो गया. मो हसनैन अंसारी ने बताया कि एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निजी भवन में चल रहा है, लेकिन यहां संसाधन का अभाव है. यहां केवल भवन का किराया हजारों रुपये मकान मालिक को प्रतिमाह चुकाना पड़ रहा है. निजी भवन में कई कमियां हैं. यहां इंजेक्शन व महत्वपूर्ण दवा नहीं रख रहे हैं. साथ ही बुनकरों की आंख व कान की जांच करने में कठिनायी हो रही है.
50 हजार से अधिक बुनकर परिवार को मिलेगा लाभडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

