साहित्यिक संस्था प्रगति शिक्षण संस्थान मंदरोजा में राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्मरणोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. संस्था के संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी की अध्यक्षता में संपन्न समारोह का शुभारंभ साहित्यकारों कवियों ने भारत माता और वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र के चित्र पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम के दौरान कवि रंजन कुमार राय ने कहा कि वंदे मातरम् गीत हमारे राष्ट्र का शान, स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक है. वंदे मातरम् भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का शंखनाद है. साहित्यकार प्रेम कुमार प्रिय ने कहा कि वंदे मातरम् हमारी समृद्धि और गौरव का प्रतीक है. इस गीत ने आजादी के मार्ग को प्रशस्त किया था. समारोह कि अध्यक्षता कर रहे जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि वंदे मातरम् भारतीय नवजागरण का मूल मंत्र है. वंदे मातरम् सिर्फ गीत नहीं भारतीयों की आत्मा की आवाज है. कार्यक्रम के दौरान इंद्रजीत सहाय, चंदन कुमार, गोपाल महतो, नवल किशोर, राघवेंद्र आदि मौजूद थे.
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