टीएमबीयू सहित अंगीभूत कॉलेजों की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में विवि प्रशासन मौन है. जबकि मामले में जांच के लिए बनी कमेटी ने विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल को रिपोर्ट सौंप दी थी. तब से अबतक विवि प्रशासन कार्रवाई के नाम पर मौन है. करीब तीन माह पहले राजभवन ने टीएमबीयू सहित सूबे के अन्य विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण किये जाने के मामले में पत्र भेजा था. साथ ही 15 दिनों के अंदर मामले में रिपोर्ट मांगी थी. इस बाबत तत्कालीन कुलपति प्रो जवाहर लाल ने सभी अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों के जमीन किये गये अतिक्रमण को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. इसमें एसएम कॉलेज, एसएसवी कॉलेज कहलगांव, पीबीएस कॉलेज बांका, जेपी कॉलेज नारायणपुर ने विवि को जमीन अतिक्रमण किये जाने की लिखित सूचना दी थी. इसके बाद विवि स्तर से जांच कमेटी बनी थी. कमेटी में सिंडिकेट सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा, प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह, विवि इंजीनियर सहित संबंधित कॉलेज प्राचार्य थे. दूसरी तरफ उन कॉलेजों को नियमित प्राचार्य मिल चुके हैं, लेकिन प्राचार्य द्वारा मामले में आगे की प्रक्रिया नहीं की गयी.
मामले की जांच के बाद रिपोर्ट सौंपी
एसएम कॉलेज की जमीन 51 एकड़, पर पांच एकड़ बता रहा
कमेटी ने जांच के क्रम में पाया कि एसएम काॅलेज का 52 एकड़ जमीन है. अमीन से मापी कराने के बाद जमीन पांच एकड़ की निकला है. जबकि कॉलेज प्रशासन की तरफ से 49 एकड़ जमीन की रसीद 2024-25 के तहत पूर्व प्राचार्य डॉ मुकेश कुमार सिंह ने कटाया है. बताया जा रहा है कि भू-माफिया ने कॉलेज की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है.
बीएन कॉलेज के पुराने जमीन पर अतिक्रमणविवि ने कार्रवाई की जानकारी अबतक नहीं दी
बिहार प्रदेश अतिथि व्याख्याता संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ अजीत कुमार सोनू ने बताया कि एसएम कॉलेज की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किये जाने के मामले में विवि प्रशासन व राजभवन को लिखित शिकायत की थी, लेकिन जांच पूरा होने के बाद विवि प्रशासन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है और न ही राजभवन से इस दिशा में कुछ किया गया है. पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.
मामले में कमेटी ने तत्कालीन कुलपति को रिपोर्ट सौंपी थी. उस समय कुलपति को ही आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश देना था. उन्हें जो जानकारी उस समय मिली थी, रिपोर्ट राजभवन को भेजी गयी थी. प्रो रामाशीष पूर्वे, रजिस्ट्रारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

