भागलपुर
टीएमबीयू के पेंशनरों को नियमित पेंशन भुगतान व सेवांत लाभ नहीं मिलने से गुस्सा फूट पड़ा. गुरुवार को करीब पांच दर्जन पेंशनरों ने विवि प्रशासनिक भवन स्थित कुलपति कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक धरना दिया. विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. जानकारी मिलने पर विवि के रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे धरना पर बैठे पेंशनधारियों से वार्ता करने पहुंचे.
पेंशनधारियों ने वार्ता के क्रम में रजिस्ट्रार से कहा कि 18 मार्च को दिये आश्वासन से आप मुकर गये. रजिस्ट्रार ने कहा कि विवि ने कितनी राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा कर रखी है. इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. सरकार से आवंटन मिलने पर ही पेंशन भुगतान हो पायेगा. इस बाबत गलतबयानी को लेकर पेंशनर व रजिस्ट्रार के बीच तीखी नोंकझोंक हो गयी. दूसरे पेंशनरों ने मामला को शांत कराया.
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टीएमबीयू के पेंशनर संघर्ष मंच के संयोजक डॉ पवन कुमार सिंह ने बताया कि वार्ता विफल रहा. इसे लेकर पेंशनरों में व्यापक आक्रोश है. पेंशनरों ने सीधे इस विषम परिस्थिति के लिए कुलपति को जिम्मेदार ठहराया. उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. कहा गया कि पेंशनरों के हिस्से की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट करना आपराधिक कृत्य है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर इरादतन अपराध करने का मुकद्दमा दायर किया जाना चाहिए. सरकार से मांग की गई कि पेंशनरों को विवि के चंगुल से मुक्त कराया जाये. उनकी राशि सीधे उनके खाते में जमा कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. बताया कि दो माह का पेंशन भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर पहले विवि कैंपस स्थित शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा के सामने प्रो बिहारी लाल चौधरी की अध्यक्षता में धरना दिया. उनलोगों के समर्थन में सिंडिकेट सदस्य प्रो मुश्फिक आलम, प्रो केके मंडल, प्रो निर्लेश कुमार, प्रो मुकेश कुमार, सीनेट सदस्य मुजफ्फर अहमद, प्रो अमिताभ चक्रवर्ती, यूडीटीए के सचिव प्रो विवेक हिंद आदि ने सभा को संबोधित किया. उनलोगों ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है.
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