भागलपुर
विवादों को लेकर टीएमबीयू में शिक्षकों के हुए तबादला मामले पर अब राजनीतिक रंग चढ़ाना शुरू कर दिया गया है. विवि प्रशासन पर कोई एक शिक्षक की वापसी का दबाव बना रहा है, तो कोई दूसरे की. वहीं कुछ लोग यह कह रहे हैं कि अगर विवि प्रशासन शिक्षकों की वापसी का निर्णय लेता है तो न्याय संगत तरीके से ले. इस बाबत सवाल यह खड़ा किया जाने लगा है कि जब एक शिक्षक की विवि मुख्यालय में वापसी होगी तो अन्य शिक्षकों की भी वापसी क्यों नहीं. मामला पीजी हिंदी विभाग से जेपी कॉलेज नारायणपुर भेजे गये शिक्षक डॉ दिव्यानंद देव और पीजी इतिहास विभाग से जेपी कॉलेज नारायणपुर भेजे गये डॉ केके मंडल से जुड़ा है. हालांकि एक घरेलू विवाद में पीजी फिजिक्स विभाग से बांका के पीबीएस कॉलेज में डॉ सुदेश जायसवाल का भी तबादला किया गया था.
इधर, टीएमबीयू की सीनेट सभा में शनिवार को हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ दिव्यानंद को वापस पीजी हिंदी विभाग बुलाने का मामला सीनेट सदस्य सह कांग्रेस नेता मृत्युंजय सिंह गंगा ने उठाया. उनका कहना था कि दिव्यानंद एक अच्छे शिक्षक हैं. यह छात्रों की भी मांग है. इसी मामले पर दूसरे सीनेट सदस्य सह कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि हिंदी विभाग में तलवार से केक काटने की घटना देशभर की मीडिया में छायी रही. इससे विश्वविद्यालय की छवि पर बुरा असर पड़ा. कहा कि एक आरोप में पीजी इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ केके मंडल को जेपी कॉलेज नारायणपुर ट्रांसफर कर दिया गया. दो वर्ष पहले जांच में वह निर्दोष पाये गये. छात्र हित को देखते हुए डॉ मंडल को अविलंब पीजी इतिहास विभाग वापस लाया जाये. बता दें कि मृत्युंजय सिंह गंगा ने एसएम कॉलेज व एसएसवी कॉलेज के जमीन को भू माफिया से बचाने व कार्रवाई की मांग की.
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सीनेट सदस्य पुरुषोत्तम झा ने कहा कि विवि में एक ही दिन व एक ही पद पर नियुक्त कर्मियों का अलग-अलग वेतनमान क्यूं है. पिछले बैठक में भी इस समस्या को उठाया गया था, लेकिन अबतक इसका निराकरण नहीं हुआ. इस बजट के अनुसार सहायकों को 5500-9000 रुपये वेतनमान देय है.
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