सिविल सर्जन कैंपस में स्थित हजरत मेंहदी शाह रहमतुल्लाह अलैह एवं हजरत अनजान शाह रहमतुल्लाह अलैह के दरगाह शरीफ के मेन गेट में 16 अगस्त से ताला लगा दिया गया है. ताला खुलवाने के लिए कमेटी के सदस्यों ने जिलाधिकारी से लेकर सीएमओ तक कई बार आवेदन दिया गया है. इसके बाद भी ताला नहीं खोला गया है. मजार कमेटी से जुड़े आलोक कुमार ने बताया कि छह सितंबर को सालाना उर्स के मौके पर एक दिन के लिए दरगाह का ताला खोला गया. इसके बाद फिर ताला जड़ दिया गया. सिविल सर्जन ने बगैर कोई कारण बताए ताला जड़ दिया है. इससे आम जायरीनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताया कि गेट बंद रहने से जायरीनों की भावनाओं को ठेस पहुंच रहा है. कहा कि इस संबंध में जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों को आवेदन देकर गेट खुलवाने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक मजार के मुख्य द्वार का ताला नहीं खोला गया है. आलोक कुमार ने बताया कि इस मजार की खासियत है कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग वर्षों से आस्था के साथ आते हैं. पिछले कई दशकों से चादरपोशी की परंपरा उनके परिवार द्वारा निभायी जाती रही है. आरोप लगाया कि बिना कोई सूचना के सिविल सर्जन के स्तर पर मजार के प्रवेश द्वार पर ताला लगवा दिया है. उधर, सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
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