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bhagalpur news. संसाधन के अभाव में चार दर्जन छात्र-छात्राओं के भविष्य दाव पर

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी पर कयी तरह के दावे करते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुये जमीनी स्तर पर यह तमाम दावे सवालों के घेरे में है

ईशुराज भागलपुर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी पर कयी तरह के दावे करते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुये जमीनी स्तर पर यह तमाम दावे सवालों के घेरे में है. दरअसल, नगर निगम क्षेत्र के विश्वविद्यालय परिसर में विवि बाल निकेतन पथ स्थित एक ऐसा स्कूल है, जो कहने को यह प्राथमिक विद्यालय है, लेकिन इसकी व्यवस्था भगवान भरोसे है. आलम यह है की पूरा स्कूल खपरैल भवन के सिर्फ एक कमरे का है. उसी एक कमरे में पांच अलग-अलग कक्षाओं के बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. आश्चर्य की बात यह है कि पांच कक्षाओं को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक नियुक्त हैं. बच्चों की परेशानी को देखने वाला कोई नहीं एक कमरे में पांच कक्षा चलने से बच्चों को न ठीक से बोर्ड दिखता है, न ही शिक्षक सभी पर एक साथ ध्यान दे पाते हैं. इससे पढ़ाई बाधित होती है, लेकिन वर्षों से स्थिति जस की तस बनी हुयी है. विद्यालय में पर्याप्त कमरे और मूलभूत संसाधन नहीं होने के कारण गर्मी, बारिश व ठंड के दिनों में स्थिति और दयनीय हो जाती है. शौचालय और पेयजल की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. एक ही शिक्षिका को पांच कक्षाओं की पढ़ाई, मिड-डे मील की निगरानी, रिकॉर्ड मेंटेनेंस और प्रशासनिक काम संभालना पड़ता है. यह स्थिति न सिर्फ शिक्षिका के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि शिक्षण की गुणवत्ता पर भी गहरा असर डालती है. प्राचार्य मीना कुमारी ने कहा कि कई वर्ष बीत गये, लेकिन स्थिति जस की तस है. कहा कि चार दर्जन से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन संसाधन के अभाव के कारण उनका भविष्य दाव पर है. वहीं शिक्षा विभाग के इस रवैए के कारण बच्चाें के अभिभावकों के बीच भी गहरी नाराजगी है. उनका कहना है कि शहर के बीचों-बीच इतना पुराना और उपेक्षित विद्यालय शिक्षा व्यवस्था की कमजोर स्थिति को दर्शाता है. हालांकि, इसे लेकर कई बार शिकायतें की गयी, लेकिन अब तक शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वहीं इस मामले में डीईओ से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. वहीं इस संदर्भ में डीपीओ एसएसए बबीता कुमारी ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.

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