गोराडीह प्रखंड के जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध लोगों ने बुधवार को डीएम नवल किशोर चौधरी को आवेदन सौंप कर गोराडीह–भागलपुर मुख्य मार्ग पर हाइवा, ट्रक सहित सभी भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने की मांग की. ज्ञापन में बताया गया कि यह मार्ग अत्यंत संकरा है और भारी वाहनों के चलने योग्य नहीं है. बावजूद लगातार ट्रक और हाइवा का परिचालन जारी है, जिससे आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है. हाल के दिनों में इस सड़क पर हुई दुर्घटनाओं में करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग दिव्यांग हो गये हैं. इस मार्ग पर दर्जनों सरकारी विद्यालय संचालित हैं. प्रतिदिन हजारों छात्र-छात्राएं पठन-पाठन के लिए इसी सड़क से गुजरते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों के लिए यह मार्ग किसी खतरे से कम नहीं है. कुछ दिन पूर्व ही एक छात्रा हाइवा की चपेट में आकर दिव्यांग हो गयी. इससे एक दिन पहले दो मजदूरों को हाइवा ने कुचल दिया था, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी थी. इससे पूर्व एक होनहार क्रिकेट खिलाड़ी को हाइवा ने कुचल दिया था. उसकी भी मौत हो गयी थी. गोराडीह पहाड़िया स्थान के निकट एक महिला भी बस की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो आजीवन दिव्यांग हो गयी. ग्रामीणों ने बताया कि हर बड़ी दुर्घटना के बाद स्थानीय प्रशासन से भारी वाहनों पर रोक लगाने की अपील की गयी, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है, इससे लोगों में आक्रोश है. जनप्रतिनिधियों ने किया समर्थन जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन पर जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं. इनमें प्रमुख रूप से डॉ तनवीर हसन, गुलाम सुभानी उर्फ मनु, इं श्रीकांत कुशवाहा, हाफिज, मो अकबर शामिल थे. आवेदन पर प्रखंड प्रमुख कुमारी संगम, जिप सदस्य कहकसा, कई पंचायत के मुखिया और प्रखंड के अन्य जनप्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये हैं. ग्रामीणों ने मांग की है कि बच्चों और आमजन की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन तत्काल इस मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाये, अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती है.
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