प्रभात खास
– लोगों के सहयोग से बने भवन में चल रहा बाइपास थाना, विश्वविद्यालय थाने को 7,600 वर्गफीट जमीन की जरूरत, साइबर थाना अभी भी एससी-एसटी थाने की बिल्डिंग पर निर्भर– मुख्य सचिव ने एसएसपी को सीधे पत्र भेज कर मांगा जमीन का प्रस्ताव, एसएसपी ने डीएम से मांगी तीनों थानों के लिए जमीनसंजीव झा, भागलपुर
गृह विभाग ने भागलपुर के बाइपास व विश्वविद्यालय थाना को उत्क्रमित किया. साइबर थाने का सृजन किया. अभी स्थिति यह है कि तीनों थाने में कार्यरत पदाधिकारी व कर्मचारी परेशानी के बीच काम करने के लिए विवश हैं. वजह, ये थाने जिस बिल्डिंग में संचालित हैं, वह इन थानों का नहीं है. बिल्डिंग पुरानी हो चुकी है. बल की अधिकता के कारण जगह का घोर अभाव है. नतीजतन किसी तरह काम चलाऊ व्यवस्था में थाने संचालित हैं. इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव ने एसएसपी को सीधे पत्र भेजा है और उक्त तीनों थाने की जमीन का प्रस्ताव मांगा है. इस पर भागलपुर के एसएसपी ने डीएम को पत्र भेज कर तीनों थानों के लिए जमीन मांगी है.ऐसी है थानों की स्थिति
बाइपास थाना
बायपास थाना वर्तमान में बायपास व बौंसी रोड के क्रॉसिंग के पास एनएच-80 से सटे सरकारी भूमि पर जनसहयोग से निर्मित भवन में कार्यरत है. थाना सिरिस्ता, पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों के रहने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है. इस कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बायपास थाना भवन निर्माण के बाबत भूमि उपलब्ध कराने के लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है लेकिन प्रगति नहीं दिख रही है.
विश्वविद्यालय थाना
विश्वविद्यालय थाना भवन निर्माण के लिए अपर समाहर्ता द्वारा 21 जनवरी 2021 को 5,000 वर्गफीट जमीन निःशुल्क विभागीय ट्रांसफर की स्वीकृति दी गयी थी. बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अभियंता ने थाना भवन निर्माण के लिए 5,000 वर्गफीट भूमि को उपयुक्त नहीं पाया. कुल 12,600 वर्गफीट भूमि की आवश्यकता बतायी गयी. वर्तमान में विश्वविद्यालय थाना जिस भवन में चल रहा है, वह काफी जर्जर है. इसके लिए भी कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन जमीन नहीं मिल सकी है.साइबर थाना
भागलपुर के साइबर थाना को 02 जून 2023 को अधिसूचित किया गया. वर्तमान में साइबर थाना एससी-एसटी थाना के पुराने भवन में कार्यरत है. इसमें पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है. इस कारण थाना संचालन में काफी कठिनाई हो रही है. दूसरी ओर देखें, तो दिन-प्रतिदिन साइबर अपराध की घटनाओं में वृद्धि होने से साइबर थाने पर काम का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में 14 सितंबर 2024 को संपन्न समीक्षा बैठक में राज्य के सभी भूमिहीन साइबर थाना के भवन निर्माण के लिए दो माह में भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

