सिल्क सिटी में एक बार फिर जल संकट शुरू हो गया है. दरअसल गंगा का जलस्तर दूर चला गया व गंगा में नाला के पानी की मात्रा बढ़ गयी. ऐसे में मुंदीचक में हरा पानी, तो आदमपुर में लाल पानी आने लगा है. बदबू वाले पानी से लोग परेशान हैं.
भागलपुर के नगर निगम अंतर्गत 12 वार्डों में चार लाख से अधिक आबादी के बीच वाटर वर्क्स से जलापूर्ति हो रही है. चिकित्सकों की मानें तो टायफाइड, पीलिया व अन्य पेट की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. भागलपुर में अब भी 20 प्रतिशत मरीज टाइफाइड के आ रहे हैं, जबकि बारिश का मौसम समाप्त होकर ठंड शुरू हो गया है. साफ पानी के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं, तो निगम प्रशासन अब जलस्तर बढ़ाने के लिए चैनल बनाने की तैयारी कर रहा है. वाटर वर्क्स समीप के कीड़े को रोकने के लिए जाली लगायी गयी है. फिर भी छोटे-छोटे कीड़े इंटकवेल के जरिये वाटर वर्क्स के तालाब पहुंच रहे हैं. लोगों ने बताया कि अब यहां गंगा की बजाय नाला ही बचा है. इससे शहर में बुनकरों समेत अन्य कंपनी का केमिकल वाला, नाला के माध्यम में मल-मूत्र वाला पानी आता है.
कहते हैं पीड़ित लोग
38 लाख गैलन से घट कर 18 लाख गैलन हुई जलापूर्ति
गंगा के सूखने के बाद शहर में वाटर वर्क्स द्वारा की जा रही हर दिन की जलापूर्ति व्यवस्था पर असर पड़ा है. 38 लाख गैलन लक्ष्य के विरुद्ध अब 18 से 20 लाख गैलन पानी की आपूर्ति हो रही है. गर्मी आते-आते 10 लाख गैलन पर पहुंच जाता है.शहर के 24, 25, 26, 28, 29, 19, 22, 23, 18, 36, 20, 21 वार्ड में वाटर वर्क्स जलापूर्ति होती है. यहां अब भी पानी पीने लायक नहीं आ रहा है. अधिक ब्लिचिंग का इस्तेमाल करने से हरे रंग से बदलकर थोड़ा साफ हुआ है. बड़ी खंजरपुर के प्रणव कुमार ने बताया कि पानी पीने लायक नहीं है. एक दिन पानी रखने पर तुरंत कीड़ा हो जाता है. कभी-कभी तो सीधे पानी से कीड़ा निकल रहा है. पहले पूरा पानी हरा दिखता था. अब पानी साफ जरूर हुआ, लेकिन बदबू कम नहीं है.
———जलापूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. जिन वार्डों में समस्या है, वहां के लोगों की समस्या से अवगत होकर समाधान करेंगे. अब तक जानकारी नहीं मिली थी.
बलराम जाखड़, सहायक अधीक्षक, जलकल शाखा नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

