भागलपुर. टीएमबीयू के दीक्षांत समारोह में कथित रूप से अपमानित करने का आरोप लगाते हुए सिनेटरों का एक दल कार्यक्रम स्थल से बाहर लगे पंडाल में धरना पर बैठ गये. हालांकि, धरने पर बैठने के बाद मनाने का प्रयास लोगों द्वारा किया गया, लेकिन वे लोग राज्यपाल के आने तक बैठे रहे. सिनेटरों ने कहा कि उनलोगों का अपमान किया गया है. एक शिष्ट मंडल जल्द ही कुलपति से मुलाकात कर अपनी बातों को रखेगा. सिनेटर मुजफ्फर अहमद ने कहा कि उनलोगों को समारोह में आने के लिए कार्ड भेजा गया था, लेकिन जब वे लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो उसे बताया गया कि यहां सिनेटरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. उनलोगों को न तो अंगवस्त्र दिया गया और न ही शोभायात्रा में शामिल होने का मौका दिया गया. जिसके बाद उनलोगों ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया और धरने पर बैठ गये. सिनेटर निर्लेश कुमार ने कहा कि सिनेटर विश्व विद्यालय के एक महत्वपूर्ण अंग हैं, उन्हें इस तरह से कैसे उपेक्षित किया जा सकता है. सिनेट सदस्य जयप्रीत मिश्रा ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी दीक्षांत समारोह में सिनेटरों के बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी है. डॉ मोसफीक आलम ने कहा कि छात्रों से दीक्षांत समारोह के नाम पर पैसे लिये गये, लेकिन बड़ी संख्या में छात्रों को राज्यपाल के हाथों प्रमाण पत्र नहीं दिलवाया गया. दूसरी तरफ जिन छात्राओं को प्रमाण पत्र दिलाया गया, उन्हें भी एक फाइल तक नहीं दी गयी. छात्र हाथ प्रमाण पत्र हाथ में लेकर घूम रहे थे और प्रमाण पत्र पर पसीना टपक रहा था. कार्यक्रम में राष्ट्रगान होने तक सिनेटर धरने पर जमे रहे. धरने पर बैठे सिनेटरों में हसनैन अंसारी, आनंद कुमार, उग्रमोहन झा, आशीष कुमार, जयप्रीत मिश्र समेत अन्य भी थे.
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