लड़कों से बेहतर लड़कियों का रिजल्ट
इस बार लड़कों की अपेक्षा 4.82 फीसदी अधिक लड़कियां 10वीं में पास हुईं हैं. जहां 22807 लड़कों में पासिंग प्रतिशत 80.75 रहा, तो 25129 लड़कियों में पासिंग प्रतिशत 82.05 रहा. इस बार जिले से कल 47965 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. जिसमें 81.30 फीसदी बच्चे पास हुए. जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक पिछले साल 80.71 फीसदी बच्चे पास हुए थे. यानी 2024 के मुकाबले इस बार 0.59 प्रतिशत ज्यादा बच्चे पास हुए हैं. राज्य की बात करें तो 80.57% लड़कियां और 83.65% लड़के पास हुए हैं.
पांच वर्षों के टॉपरों में ग्रामीण क्षेत्रों का स्कूल आगे
मैट्रिक परीक्षा वर्ष 2021 से 25 तक में जिला टॉपरों की सूची में अबतक 10 लड़कियां व 14 लड़के शामिल हो चुके हैं. वर्ष 2024 में इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय बहत्तरा राघोपुर की छात्रा सुनिधि कुमारी ने 473 अंक प्राप्त कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था. सुलतानगंज एनजीए उच्च विद्यालय दुधैला की छात्रा ने दूसरा और उच्च विद्यालय ममलखा की नैंसी व उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशनपुर जिच्छो के रौनक कुमार सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया था. वर्ष 2023 की मैट्रिक परीक्षा में पांच जिला टॉपर में दो लड़की ही थी. इसमें एक एसएम लाल गर्ल्स हाइ स्कूल मिरजानहाट की स्मृति कुमारी व राय हरिमोहन ठाकुर हाइ स्कूल बरारी की स्मिता राय शामिल थीं. वहीं, वर्ष 2022 में अंशु कुमारी ने हाइ स्कूल पुनामा प्रताप नगर व श्वेता भारती एनके हाइ स्कूल झंडापुर की छात्रा थी, जबकि वर्ष 2021 में केएल हाइ स्कूल नारायणपुर की विभा कुमारी व राजकीय ओबीसी बालिका आदर्श स्कूल की अर्पण सिंह टॉपर की सूची में शामिल थी.
123 स्टेट टॉपरों की सूची में भागलपुर का नाम नहीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा राज्य स्तर पर जारी टॉप 10 में शामिल छात्रों की सूची में कुल 123 को शामिल किया गया है, लेकिन इस सूची में भागलपुर का नाम नहीं है. शिक्षा विभाग द्वारा मैट्रिक परीक्षा से पूर्व इस बार दावा किया गया था कि जिले के स्कूलों में अच्छी तैयारी करायी गयी है. परिणाम आते ही शिक्षा विभाग का दावा सिरे से खारिज हो गया है. शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों की मानें तो गांव के स्कूलों में और मेहनत करने की जरूरत है. खास कर पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है और विगत सालों में पढ़ाई की स्थिति और ज्यादा खराब रही. ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिनका बेस मजबूत नहीं है. यही कारण है कि 123 की सूची में भागलपुर शामिल नहीं हो सका.
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